Edited By Sahil Kumar,Updated: 27 Nov, 2025 09:04 PM

किडनी बीमारी के शुरुआती लक्षण सिर्फ थकान, पैरों की सूजन या यूरिन बदलाव तक सीमित नहीं होते, बल्कि कई बार इसकी शुरुआत आंखों से होती है. विशेषज्ञों के अनुसार किडनी के कमजोर होने पर आंखों में सूजन, धुंधलापन, लालपन, जलन और रंग पहचानने में दिक्कत जैसे...
नेशनल डेस्कः किडनी की बीमारी को आमतौर पर थकान, पैरों में सूजन या यूरिन में बदलाव जैसे लक्षणों से जोड़ा जाता है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इसकी शुरुआत कई बार आंखों से भी होती है. दरअसल, किडनी और आंखें दोनों ही शरीर की सूक्ष्म रक्त वाहिकाओं और फ्लूइड बैलेंस पर निर्भर करती हैं. ऐसे में किडनी के खराब होने पर इसका सीधा प्रभाव आंखों पर पड़ता है और शुरुआती संकेत वहीं दिखाई देने लगते हैं.
क्यों दिखता है असर सबसे पहले आंखों पर
National Kidney Foundation के मुताबिक किडनी शरीर का फिल्टर सिस्टम है, जबकि आंखें बेहद नाजुक ब्लड वेसल्स और आंसू बनाने वाली प्रणाली पर निर्भर होती हैं. जब किडनी फ्लूइड कंट्रोल या ब्लड वेसल्स को प्रभावित करती है, तो आंखों में सूजन, धुंधलापन, लालपन और रंग पहचानने में बदलाव जैसे लक्षण उभर सकते हैं. कई मामलों में इन्हें सामान्य आंख की बीमारी समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे असली समस्या पकड़ में देर से आती है.
डॉक्टरों का कहना है कि अगर आंखों के लक्षणों के साथ थकान, पैरों में सूजन या यूरिन में झाग जैसी शिकायतें भी हों, तो किडनी और आंखों की जांच तुरंत करवानी चाहिए. देर होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है और विजन लॉस तक का खतरा बढ़ जाता है.
आंखों में लगातार सूजन
रात में देर तक जागने या ज्यादा नमक खाने से हल्की सूजन सामान्य मानी जाती है. लेकिन अगर सूजन पूरे दिन बनी रहे, तो यह किडनी में प्रोटीन लीक होने का संकेत हो सकता है. किडनी प्रोटीन फिल्टर न कर पाए, तो वह यूरिन में निकलने लगता है और सूजन आंखों के आसपास दिखती है. यदि यूरिन झागदार दिखाई दे, तो तुरंत जांच करवाएं.
धुंधला या दोहरा दिखाई देना
अचानक विज़न का धुंधला होना या डबल दिखना रेटिना की नसों में नुकसान का संकेत है. हाई BP और डायबिटीज — जो किडनी फेलियर के प्रमुख कारण हैं — रेटिना की नसों को भी प्रभावित करते हैं. इससे फ्लूइड जमा होना, रेटिना सूजन और गंभीर मामलों में विजन लॉस हो सकता है. डायबिटिक या BP मरीजों को विज़न बदलते ही किडनी फंक्शन टेस्ट करवाना चाहिए.
आंखों में सूखापन, जलन या खुरदुरापन
डायलिसिस मरीजों और किडनी रोगियों में ड्राई आई कॉमन समस्या है. कैल्शियम-फॉस्फोरस असंतुलन और जमा टॉक्सिन आंसू बनने की क्षमता कम कर देते हैं. लगातार जलन, लालपन या खुरदुरापन किडनी चेतावनी हो सकते हैं.