इस राज्य के स्कूल ने बच्चों को तिलक-बिंदी लगाने से रोका, नगर निगम ने भेजा नोटिस

Edited By Updated: 01 Oct, 2025 04:23 PM

maharashtra school no tilak policy sparks uproar

महाराष्ट्र के कल्याण शहर में एक निजी स्कूल छात्र-छात्राओं को तिलक, बिंदी और अन्य धार्मिक/सांस्कृतिक प्रतीक जैसे चूड़ी या कलावा पहनने से रोकने के विवादों में घिर गया है। मामला इतना बढ़ गया है कि अभिभावकों की शिकायत के बाद कल्याण डोंबिवली नगर निगम ने...

नेशनल डेस्क। महाराष्ट्र के कल्याण शहर में एक निजी स्कूल छात्र-छात्राओं को तिलक, बिंदी और अन्य धार्मिक/सांस्कृतिक प्रतीक जैसे चूड़ी या कलावा पहनने से रोकने के विवादों में घिर गया है। मामला इतना बढ़ गया है कि अभिभावकों की शिकायत के बाद कल्याण डोंबिवली नगर निगम ने स्कूल प्रशासन को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।

स्कूल ने जबरन हटवाया तिलक, दी सज़ा की धमकी

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कई अभिभावकों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि स्कूल प्रशासन बच्चों को माथे पर तिलक या बिंदी और हाथ में राखी या कलावा पहनने से रोक रहा है।

अभिभावकों ने गंभीर आरोप लगाए कि:

कुछ छात्रों द्वारा लगाया गया तिलक स्कूल प्रशासन ने जबरन हटा दिया गया।

दोबारा ऐसा करने पर उन्हें सजा देने की धमकी दी गई।

कुछ माता-पिता ने यह भी दावा किया कि छात्रों को शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित किया गया।

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इन शिकायतों के बाद एक राजनीतिक दल के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने मामले को केडीएमसी के शिक्षा विभाग तक पहुंचाया।

नगर निगम ने मांगा स्पष्टीकरण

शिकायत मिलते ही नगर निगम हरकत में आ गया। एक अधिकारी ने बताया कि शिक्षा विभाग ने मंगलवार को स्कूल प्रशासन को नोटिस भेजकर धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों पर प्रतिबंध लगाने के कारणों और छात्रों के खिलाफ कथित दंडात्मक कार्रवाई के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।

अधिकारी ने उम्मीद जताई कि यह मामला जल्द ही सुलझ जाएगा और इसे और बढ़ाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग चाहता है कि इस मुद्दे को अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन के बीच सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया जाए।

स्कूल प्रशासन ने दी सफाई

वहीं स्कूल प्रबंधन ने अपने बचाव में एक बयान जारी किया है। स्कूल ने अपनी नीतियों का बचाव करते हुए धर्मनिरपेक्षता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

स्कूल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई 'फतवा' जारी नहीं किया है। उनका कहना है कि संस्थान छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है लेकिन इस प्रतिबंध को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। फिलहाल सभी की निगाहें स्कूल के आधिकारिक जवाब पर टिकी हैं।

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