Microsoft का बड़ा फैसला, तत्काल प्रभाव से बंद की गईं क्लाउड और AI सेवाएं

Edited By Updated: 27 Sep, 2025 10:30 AM

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दुनिया की प्रमुख टेक कंपनियों में से एक Microsoft ने इजरायल के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मच गई है। कंपनी ने इजरायल को दी जा रही क्लाउड, AI और तकनीकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से बंद कर दी हैं। Microsoft के प्रेसिडेंट और...

नेशनल डेस्क: दुनिया की प्रमुख टेक कंपनियों में से एक Microsoft ने इजरायल के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मच गई है। कंपनी ने इजरायल को दी जा रही क्लाउड, AI और तकनीकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से बंद कर दी हैं। Microsoft के प्रेसिडेंट और वाइस चेयरमैन ब्रैड स्मिथ ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह निर्णय जासूसी के गंभीर आरोपों और जांच रिपोर्टों के आधार पर लिया गया है, जिनमें Microsoft की सेवाओं के दुरुपयोग की बात सामने आई है।

क्या है पूरा मामला?
ब्रिटिश अखबार The Guardian और इजरायली पब्लिकेशन +972 Magazine द्वारा अगस्त 2025 में की गई एक संयुक्त जांच में खुलासा हुआ था कि इजरायली सुरक्षा एजेंसियां गाज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों की व्यापक निगरानी कर रही हैं, और इसके लिए वे Microsoft की Azure Cloud Services का उपयोग कर रही थीं।

Microsoft ने शुरुआती तौर पर इन आरोपों को खारिज किया, लेकिन बाद में आंतरिक जांच में कुछ तथ्यों की पुष्टि होने पर यह बड़ा कदम उठाया गया। कंपनी ने साफ किया कि वह किसी भी देश को अपनी सेवाओं का उपयोग निगरानी या जासूसी के लिए नहीं करने देती, और अगर ऐसा होता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाती है।

किन सेवाओं पर लगी रोक?
Microsoft ने इजरायली मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस (IMOD) को भेजे नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया है कि उनके साथ की गई सभी तकनीकी साझेदारियां अब समाप्त की जा रही हैं। इसमें शामिल हैं:
-Azure Cloud Platform
-AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) टूल्स
-क्लाउड स्टोरेज सेवाएं
-टेक्निकल सब्सक्रिप्शन और API एक्सेस
-इन सेवाओं को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है, और इजरायल को इसकी जानकारी औपचारिक रूप से भेज दी गई है।

जांच में क्या सामने आया?
संयुक्त रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि इजरायली सेना और खुफिया एजेंसियां Microsoft की क्लाउड टेक्नोलॉजी का प्रयोग फिलिस्तीनी नागरिकों की जासूसी, पहचान और मूवमेंट ट्रैकिंग के लिए कर रही हैं। रिपोर्ट में इस बात के प्रमाण भी दिए गए कि Azure प्लेटफॉर्म पर डेटा एनालिटिक्स और AI आधारित टूल्स के जरिए फिलिस्तीनियों की निजी जानकारी इकट्ठा की जा रही थी। Microsoft ने अपनी ओर से इन आरोपों की स्वतंत्र जांच करवाई, और जब कुछ तथ्यों की पुष्टि हुई, तो कंपनी ने यह निर्णय लिया।

Microsoft का आधिकारिक बयान
ब्रैड स्मिथ ने अपने ब्लॉगपोस्ट में लिखा: "Microsoft किसी भी हालत में अपनी टेक्नोलॉजी का उपयोग निगरानी या मानवाधिकार हनन जैसे उद्देश्यों के लिए नहीं होने देगा। हमने इजरायली रक्षा मंत्रालय को सूचित कर दिया है कि हमारी सेवाएं, जिनमें AI और क्लाउड स्टोरेज शामिल हैं, तत्काल प्रभाव से बंद की जा रही हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम कंपनी की नीति के अनुसार लिया गया है, ताकि विश्व स्तर पर उसकी नैतिक और पारदर्शी छवि बनी रहे।

AI के दुरुपयोग को लेकर चिंता
इस प्रकरण ने वैश्विक स्तर पर AI और क्लाउड टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। क्या बड़ी टेक कंपनियों को इस बात की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि उनकी सेवाओं का प्रयोग कैसे और कहां किया जा रहा है? Microsoft ने इस घटना को एक उदाहरण बनाते हुए यह साफ कर दिया है कि यदि कोई सरकार या संस्था उनके प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करती है, तो कंपनी चुप नहीं बैठेगी।

इजरायल की प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल इजरायल की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि Microsoft के इस निर्णय से इजरायली रक्षा और साइबर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर असर पड़ सकता है।

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