ऑफ द रिकॉर्डः जनवरी में ‘मकर संक्रांति’ पर कुछ नए चेहरों को मंत्री बना सकते हैं मोदी!

Edited By Updated: 10 Jan, 2021 05:24 AM

modi can make some new faces in january on makar sankranti

भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा पार्टी का पुनर्गठन करने का काम पूरा कर रहे हैं तथा उन्होंने कई नेताओं का बोरिया-बिस्तर बंधवाकर बाहर का रास्ता भी दिखा दिया है। इससे केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के लिए मंच तैयार हो गया है। राज्यसभा के

नई दिल्लीः भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा पार्टी का पुनर्गठन करने का काम पूरा कर रहे हैं तथा उन्होंने कई नेताओं का बोरिया-बिस्तर बंधवाकर बाहर का रास्ता भी दिखा दिया है। इससे केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के लिए मंच तैयार हो गया है। राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव भी 14 दिसम्बर को हो चुके हैं। अब 14 जनवरी को मकर संक्रांति आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ नए चेहरों को आगे लाएंगे और कुछ पुरानों को जाने के लिए कहेंगे। सूत्रों का कहना है कि यदि किसान आंदोलन न होता तो मंत्रिमंडल फेरबदल दिसम्बर में ही हो जाता। 

इस समय प्रधानमंत्री समेत कुल 54 मंत्री हैं। यह मंत्रियों की न्यूनतम संख्या है। 3 से 4 मंत्रालयों को संभालने वाले अरविंद सावंत (शिवसेना) व हरसिमरत कौर बादल (शिरोमणि अकाली दल) के राजग गठबंधन टूटने के कारण पद छोडऩे तथा रामविलास पासवान (लोजपा) व सुरेश अंगड़ी(भाजपा) की मृत्यु से कई मंत्री पद खाली पड़े हैं। जनता दल यूनाइटिड अभी तक मोदी मंत्रिमंडल से बाहर है। फेरबदल के बाद मंत्रिमंडल में 78 से अधिक मंत्री हो सकते हैं।

मध्य प्रदेश को अकेले अपने दम पर भाजपा की झोली में डालने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वालों की सूची में सबसे ऊपर है। उनके सभी विधायक मध्य प्रदेश में शिवराज चौहान मंत्रिमंडल में समाहित कर लिए गए हैं। अब बारी सिंधिया की है कि उन्हें भी मोदी पद से नवाजें। सिंधिया इस समय अपने आनंद लोक के किराए के घर में आनंद से हैं और उन्होंने लोधी एस्टेट में उन्हें आबंटित टाइप-4 बंगले में जाने की कोई रुचि नहीं दिखाई है।

ऐसे भी संकेत हैं कि नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र का संदेश देने के लिए भाजपा किसी मुस्लिम चेहरे को भी मंत्री पद दे सकती है। मंत्री पद के लिए सुशील मोदी, वरुण गांधी, मुकुल रॉय व अन्यों के नामों की भी चर्चा चल रही है। यदि जनवरी में फेरबदल हो गया तो ठीक, अन्यथा फिर मार्च-अप्रैल में बजट सत्र के बाद ही इसके बारे में सोचा जाएगा।    

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