पीएम मोदी के ऐलान के बाद GST में बड़ा बदलाव, सरकार ने पेश किया दो स्लैब सिस्टम का प्रस्ताव

Edited By Updated: 15 Aug, 2025 02:33 PM

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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस दिवाली तक ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म’ लागू किए जाएंगे। इसका उद्देश्य आम लोगों, व्यापारियों और...

नेशनल डेस्क: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस दिवाली तक ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म’ लागू किए जाएंगे। इसका उद्देश्य आम लोगों, व्यापारियों और छोटे-मध्यम उद्यमों (MSME) को राहत देना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी को और सरल बनाना समय की मांग है और इसके लिए केंद्र सरकार तैयार है।

दो स्लैब सिस्टम की ओर बढ़ेगा देश: क्या होगा बदलाव?
प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद वित्त मंत्रालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जीएसटी में दो-स्लैब सिस्टम का प्रस्ताव पेश किया है। मौजूदा कई दरों की बजाय अब केवल दो मुख्य स्लैब होंगे — "स्टैंडर्ड स्लैब" और "मेरिट स्लैब"। इसके अलावा, कुछ खास वस्तुओं के लिए अलग विशेष टैक्स दरें भी लागू की जा सकती हैं। इसका मकसद टैक्स प्रणाली को और आसान बनाना और उपभोक्ताओं के लिए वस्तुओं को सस्ता करना है।

किन्हें मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?
सरकार के अनुसार, जीएसटी सुधारों का सबसे अधिक लाभ आम जनता, महिलाएं, छात्र, किसान और मध्यम वर्ग को मिलेगा। खासतौर पर रोजमर्रा की जरूरी चीजों पर टैक्स कम किया जाएगा जिससे इनकी पहुंच और खरीददारी आसान हो सके। इसके अलावा MSMEs को भी राहत मिलेगी क्योंकि सरल टैक्स ढांचे से उनकी लागत और टैक्स कंप्लायंस दोनों कम होंगे।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि जीएसटी के मौजूदा ढांचे में जटिलता और कई स्लैब दरें हैं जिससे आम आदमी और व्यापारी दोनों परेशान होते हैं। इसके साथ ही कंपनसेशन सेस की समाप्ति के बाद सरकार के पास अब राजकोषीय गुंजाइश है, जिसका इस्तेमाल करके जीएसटी को सरल और प्रभावी बनाया जा सकता है।

इंडस्ट्री और कारोबारियों को क्या मिलेगा?
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, एक स्थिर और सरल टैक्स प्रणाली उद्योग जगत में भरोसा पैदा करेगी। कारोबारी बेहतर बिजनेस प्लान बना सकेंगे और टैक्स से जुड़ी अनिश्चितताओं से मुक्ति मिलेगी। यह बदलाव भारत को ‘Ease of Doing Business’ की ओर और मजबूती से ले जाएगा।

GST परिषद को भेजा गया प्रस्ताव
सरकार ने यह प्रस्ताव जीएसटी परिषद द्वारा गठित मंत्रिसमूह (GoM) को भेजा है, जो इस पर विस्तार से विचार करेगा। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर अंतिम रूप से इसे लागू किया जाएगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो दिवाली तक यह नई प्रणाली लागू हो जाएगी।

क्या चीजें सस्ती हो सकती हैं?
नई प्रणाली के तहत रोजमर्रा की उपयोग की चीजें जैसे खाने-पीने के सामान, घरेलू उपयोग की वस्तुएं और जरूरी सेवाओं पर टैक्स दरें घटाई जा सकती हैं। इससे बाजार में उपभोग बढ़ेगा, सामानों की खपत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

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