Edited By Radhika,Updated: 05 Sep, 2025 12:26 PM

पीएम नरेंद्र मोदी ने मिलाद-उन-नबी के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। 5 सितंबर यानि की शुक्रवार को मनाए जा रहे इस पर्व पर पीएम ने 'एक्स' पर पोस्ट कर शांति, खुशहाली और करुणा के मूल्यों को याद करने का संदेश दिया। मिलाद-उन-नबी इस्लाम के...
नेशनल डेस्क: पीएम नरेंद्र मोदी ने मिलाद-उन-नबी के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। 5 सितंबर यानि की शुक्रवार को मनाए जा रहे इस पर्व पर पीएम ने 'एक्स' पर पोस्ट कर शांति, खुशहाली और करुणा के मूल्यों को याद करने का संदेश दिया। मिलाद-उन-नबी इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
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पैगंबर मुहम्मद के जीवन के बारे में-
पैगंबर मुहम्मद का जन्म लगभग 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था। उन्हें इस्लाम का संस्थापक और अंतिम पैगंबर माना जाता है। उन्होंने अपने जीवन में मानवता, ईमानदारी और भाईचारे का संदेश फैलाया। 40 साल की उम्र में उन्हें मक्का की हीरा गुफा में अल्लाह का पहला संदेश मिला, जो बाद में कुरान का हिस्सा बना।
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मिलाद-उन-नबी का जन्म और शिक्षाएँ
मिलाद-उन-नबी जिन्हें मौलिद और बारावफात भी कहा जाता है, पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। 'मिलाद' का अर्थ 'जन्म' और 'बारावफात' का अर्थ 'बारह दिनों की वफ़ात (इंतकाल)' से है, क्योंकि पैगंबर मुहम्मद अपने इंतकाल से 12 दिन पहले बीमार रहे थे। यह पर्व इस्लामी कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल में आता है। सुन्नी मुस्लिम 12 रबी-अल-अव्वल को इसे मनाते हैं, जबकि शिया मुस्लिम 17 रबी-अल-अव्वल को।
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भारत सहित कई देशों में मनाया जाता है यह पर्व
भारत, श्रीलंका और मलेशिया जैसे देशों में इस दिन लोग जुलूस निकालते हैं, धार्मिक सभाएँ आयोजित करते हैं और घरों में मिठाइयाँ बाँटते हैं। यह दिन पैगंबर की शिक्षाओं और उनके जीवन के आदर्शों को याद करने का अवसर है। सऊदी अरब और कतर जैसे कुछ देश इस दिन को नहीं मनाते, क्योंकि वहाँ की धार्मिक परंपराएं जन्मदिन जैसे समारोहों को सही नहीं मानतीं।