Heavy Rain Alert: अगस्त और सितंबर में आसमान से जमकर बरसेगा पानी, IMD की बड़ी चेतावनी जारी

Edited By Updated: 31 Jul, 2025 06:56 PM

monsoon 2025 heavy rainfall expected in august september

भारत में इस साल मानसून ने अच्छा प्रदर्शन किया है। 1 जून से 31 जुलाई तक देश में कुल 474.3 मिमी बारिश दर्ज हुई, जबकि इस अवधि के लिए सामान्य बारिश 445.8 मिमी मानी जाती है। इसका मतलब है कि अभी तक देश में करीब 6% अधिक बारिश हुई है। मानसून के पहले दो...

नेशनल डेस्क: भारत में इस साल मानसून ने अच्छा प्रदर्शन किया है। 1 जून से 31 जुलाई तक देश में कुल 474.3 मिमी बारिश दर्ज हुई, जबकि इस अवधि के लिए सामान्य बारिश 445.8 मिमी मानी जाती है। इसका मतलब है कि अभी तक देश में करीब 6% अधिक बारिश हुई है। मानसून के पहले दो महीनों में हुई इस बढ़त से किसानों, जलाशयों और पूरे देश की कृषि व्यवस्था को लाभ होगा। जुलाई महीने में बारिश के बढ़ने के पीछे दो मुख्य कारण रहे। पहला मौसम की अनुकूल स्थिति जो बादलों के बनने और बारिश को बढ़ावा देती है, और दूसरा छह बार बने निम्न दबाव क्षेत्र। इनमें से चार बार ये निम्न दबाव डिप्रेशन में बदल गए और बंगाल की खाड़ी से राजस्थान तक भारी बारिश कराई। इन कारणों से हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में अचानक बाढ़ की घटनाएं भी देखने को मिलीं।

मानसून के अगले चरण का अनुमान

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि अगस्त और सितंबर के महीने में भी सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक ने बताया कि अगस्त में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य बारिश होगी और सितंबर में सामान्य से थोड़ा ज्यादा। हालांकि पूर्वोत्तर भारत और उसके आस-पास के कुछ हिस्सों, मध्य भारत के कुछ क्षेत्र तथा दक्षिण-पश्चिमी प्रायद्वीपीय इलाकों में कम बारिश हो सकती है।

पूर्वोत्तर भारत की बारिश कम होने का कारण

पूर्वोत्तर भारत लगातार पांचवें साल सामान्य से कम बारिश देख रहा है। पिछले 30 वर्षों में वहां बारिश में गिरावट का रुझान बना हुआ है। यह क्षेत्र मानसून के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां की जलवायु और कृषि पर बारिश का सीधा असर पड़ता है। बारिश की कमी से नदियों का जलस्तर घटता है और कृषि प्रभावित होती है।

आने वाले दो हफ्तों में बारिश की स्थिति

मौसम विभाग ने बताया है कि अगले दो हफ्तों में बारिश थोड़ी कमजोर हो सकती है, लेकिन यह "ब्रेक मानसून" की स्थिति नहीं होगी। यानी मानसून पूरी तरह थमने वाला नहीं है, बल्कि कुछ समय के लिए बारिश में कमी आ सकती है। इससे मौसम में कुछ स्थिरता आएगी, लेकिन फिर बारिश शुरू हो जाएगी।

ENSO-न्यूट्रल स्थिति और भविष्य का असर

वर्तमान में ENSO (El Niño Southern Oscillation) की स्थिति न्यूट्रल है, जिसका मतलब है कि न तो एल नीनो (गर्मी बढ़ाने वाला प्रभाव) है और न ही ला नीना (ठंडक बढ़ाने वाला प्रभाव)। यह स्थिति अक्टूबर तक बनी रहने की उम्मीद है। उसके बाद कमजोर ला नीना प्रभाव शुरू हो सकता है, जिससे बारिश पर भी असर पड़ेगा।

मानसून की महत्ता: कृषि और जल संसाधन

मानसून भारत की कृषि व्यवस्था की रीढ़ है। लगभग 42% आबादी की आजीविका सीधे तौर पर मानसून की बारिश पर निर्भर करती है। इसके अलावा, मानसून देश की GDP में लगभग 18.2% योगदान देता है। बारिश जलाशयों को भरती है, जिससे पीने का पानी मिलता है और बिजली उत्पादन के लिए जलविद्युत परियोजनाएं संचालित होती हैं। इसलिए अच्छी बारिश से न केवल किसानों को फायदा होता है, बल्कि पूरे देश की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!