Heavy Rain: इन 12 जिलों में भारी बरसात का अलर्ट, भदभदा डैम के गेट खोले गए, प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की दी सलाह

Edited By Updated: 06 Sep, 2025 03:42 PM

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मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मानसून ने लगातार बरसात के डंका बजाए रखा है, जिससे किसान और आम जनता दोनों के लिए चिंता बढ़ गई है। खासकर मालवा और चंबल के इलाकों में जमकर बारिश हुई है, जिससे हालात काफी गंभीर बने हुए हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 से 48...

नेशनल डेस्क: मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मानसून ने लगातार बरसात के डंका बजाए रखा है, जिससे किसान और आम जनता दोनों के लिए चिंता बढ़ गई है। खासकर मालवा और चंबल के इलाकों में जमकर बारिश हुई है, जिससे हालात काफी गंभीर बने हुए हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 से 48 घंटों के लिए कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, लेकिन इसके बाद बारिश में कुछ कमी आने के संकेत हैं।

उज्जैन और इंदौर में शुक्रवार को भारी बारिश दर्ज की गई, जहां उज्जैन में 5 सेमी और इंदौर में लगभग 5 सेमी बारिश हुई। मौसम विभाग ने उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, धार, शाजापुर, गुना, श्योपुर समेत 12 जिलों में भारी बरसात की संभावना जताई है। फिलहाल सक्रिय मानसूनी सिस्टम 1-2 दिन में कमजोर होने लगेगा, जिससे रविवार से बारिश में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।

भदभदा डैम के गेट खोले गए
भोपाल के पास बड़ा तालाब इस समय लगभग पूरी क्षमता से भरा हुआ है, जलस्तर पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ा है। सीहोर के आसपास कोलांस नदी भी उफान पर है, जिसके कारण भदभदा डैम के गेट खोले गए।  कुल 11 में से एक गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। नर्मदा नदी के किनारे के इलाकों में जलस्तर बढ़ने से कई घाट जलमग्न हो चुके हैं, प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित रहने की सलाह दी है।

इंदौर में लगातार तीन दिन से हो रही बारिश के बाद जिले में पानी की मात्रा पिछले साल के मुकाबले अधिक हो गई है। भारी बारिश के मद्देनजर शनिवार को सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

बारिश के चलते किसानों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। बाजरा, सोयाबीन, उड़द, तिल और मक्का जैसी फसलों में पानी जमने से उन्हें क्षति पहुंची है। कई इलाकों में फसलें सड़ने-गलने लगी हैं, जिससे इस बार उपज घटने की संभावना बढ़ गई है। खासतौर पर श्योपुर, खरगौन, बुरहानपुर, बैतूल और छिंदवाड़ा में हालत चिंताजनक बनी हुई है।

आगर-मालवा जिले में कुंडालिया बांध के आठ गेट खोलने पड़े, जबकि लगातार बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। भारी बारिश ने कई गांवों को एक-दूसरे से जोड़ने वाले रास्ते भी बंद कर दिए हैं।

मध्यप्रदेश के चार संभाग रीवा, ग्वालियर, सागर और भोपाल में अगस्त की शुरुआत से ही बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जहां फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार ने अब तक 28 हजार से अधिक प्रभावित लोगों को राहत राशि वितरित की है, लेकिन फसलों के नुकसान की भरपाई अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है।
 

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