Edited By Shubham Anand,Updated: 08 Oct, 2025 06:36 PM

कई लोग सुबह उठते ही खांसी, छींक और नाक बहने की समस्या से परेशान रहते हैं, जिसे मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि एलर्जी, साइनस या प्रदूषण का असर हो सकता है। ठंडी हवा और धूल से नाक-गला तुरंत प्रभावित...
नेशनल डेस्क : कई लोगों को सुबह उठते ही अचानक खांसी, छींक और नाक बहने की समस्या का सामना करना पड़ता है। जैसे-जैसे दिन बढ़ता है, ये लक्षण हल्के पड़ जाते हैं, लेकिन हर दिन की शुरुआत इसी परेशानी के साथ होती है। चिकित्सक इस स्थिति को ‘मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम’ कहते हैं, जिसमें सुबह-सुबह फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, सुबह की ठंड नाक और गले को जल्दी प्रभावित करती है, जिससे छींक और खांसी होने लगती है।
मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम में केवल खांसी या छींक ही नहीं, बल्कि अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं। कई लोगों को सुबह उठते ही गले में खराश, सिरदर्द या सिर में भारीपन महसूस होता है। नाक बंद रहना या लगातार बहना भी इसके सामान्य संकेत हैं, जो अक्सर एलर्जी या साइनस से जुड़े होते हैं। कुछ मामलों में आंखों में जलन, पानी आना या खुजली भी होती है। शरीर में हल्की थकान या सुस्ती महसूस होना भी आम है, क्योंकि रातभर की नींद के बाद ठंडी हवा या धूल के संपर्क में आने से इम्यून सिस्टम तुरंत रिएक्ट करता है। आमतौर पर ये लक्षण सुबह के शुरुआती घंटों में अधिक दिखाई देते हैं और दिन के साथ कम हो जाते हैं।
क्या यह कोई बीमारी है?
दिल्ली स्थित आरएमएल अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ. सुभाष गिरि के अनुसार, मॉर्निंग फ्लू सिंड्रोम अपने आप में कोई बीमारी नहीं, बल्कि किसी छिपे कारण का संकेत हो सकता है। सुबह के समय हवा की नमी, ठंडक और प्रदूषण का स्तर बदलने से नाक और गले की संवेदनशील परतें रिएक्ट करती हैं। कई बार यह मौसमी एलर्जी, धूल या परागकण (पॉलन) के कारण भी होता है। वहीं, जिन लोगों को साइनस की समस्या होती है, उनके नाक में रातभर बलगम जमा हो जाता है, जो सुबह छींक या खांसी के रूप में निकलता है।
अगर यह परेशानी कभी-कभार होती है और थोड़ी देर में ठीक हो जाती है तो चिंता की बात नहीं, लेकिन अगर रोज़ सुबह ऐसा हो और लक्षण दिनभर बने रहें, तो यह एलर्जिक राइनाइटिस, साइनुसाइटिस या किसी शुरुआती संक्रमण का संकेत हो सकता है। ऐसे मामलों में डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है ताकि सही कारण और इलाज का पता चल सके।
बचाव के उपाय:
कमरे और बिस्तर की नियमित सफाई करें ताकि धूल या एलर्जी ट्रिगर न जमा हों।
रात में कमरे का तापमान संतुलित रखें, न बहुत ठंडा, न बहुत गर्म।
सुबह उठते ही खिड़कियां धीरे-धीरे खोलें ताकि ठंडी हवा अचानक न लगे।
एलर्जी की समस्या है तो एयर प्यूरिफायर या मास्क का प्रयोग करें।
गुनगुने पानी से गरारे करें और पर्याप्त पानी पिएं ताकि गला साफ रहे।
अगर लक्षण रोज़ाना हो रहे हैं, तो डॉक्टर से एलर्जी या साइनस की जांच जरूर कराएं।