उद्धव को 'थप्पड़' मारने वाले बयान पर नारायण राणे बरी, कोर्ट बोला-यह शत्रुता को बढ़ावा नहीं देता

Edited By rajesh kumar,Updated: 02 Apr, 2023 04:06 PM

narayan rane s statement against uddhav is unparliamentary

अदालत ने राणे को शनिवार को इस मामले में आरोपमुक्त करार देते हुए कहा कि उपलब्ध कराई गई सामग्री और दस्तावेज राणे के खिलाफ अपराधों को साबित नहीं करते हैं, इसलिए आरोपी पर लगाए गए आरोप ‘‘निराधार' पाए जाते हैं।

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे राजनीतिक क्षेत्र में प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते 2021 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ की गई ‘‘असंसदीय'' टिप्पणी के परिणाम से अवगत थे, लेकिन कानून के प्रावधानों के तहत यह शत्रुता को बढ़ावा देने के समान नहीं है, क्योंकि उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया।

अदालत ने राणे को शनिवार को इस मामले में आरोपमुक्त करार देते हुए कहा कि उपलब्ध कराई गई सामग्री और दस्तावेज राणे के खिलाफ अपराधों को साबित नहीं करते हैं, इसलिए आरोपी पर लगाए गए आरोप ‘‘निराधार'' पाए जाते हैं। उसने कहा कि आरोपी के बयान को ‘‘विवादित एवं राजनीतिक रूप से असंवेदनशील'' कहा जा सकता है, जिसकी किसी केंद्रीय मंत्री से अपेक्षा नहीं की जाती। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (रायगढ़-अलीबाग) एस. डब्ल्यू. उगाले ने राणे को बरी करते हुए शनिवार को ये टिप्पणियां कीं।

विस्तृत आदेश रविवार को उपलब्ध हुआ। मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘‘यह कहना पर्याप्त है कि वह (राणे) प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वह जो भी बात बोलते हैं, उन्हें उसकी प्रतिक्रिया की जानकारी होती है। उन्होंने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ असंसदीय बयान दिया था और राजनीतिक क्षेत्र में एक प्रभावशाली व्यक्ति होने तथा राजनीति में लंबा अनुभव होने के नाते उन्हें इन शब्दों के परिणाम और समाज पर इसके पड़ सकने वाले असर की पूरी तरह जानकारी थी।'' लेकिन अदालत ने साथ ही कहा कि इस बयान में किसी समुदाय का जिक्र नहीं किया गया है।

राणे के खिलाफ रायगढ़ जिले के महाड में 2021 में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्हें उनकी टिप्पणी के लिए रत्नागिरी जिले से गिरफ्तार किया गया था। राणे ने कहा था, “यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को स्वतंत्रता प्राप्ति के वर्ष के बारे में नहीं पता है। वह अपने भाषण के दौरान यह पूछने के लिए पीछे मुड़ गए कि आजादी को कितने वर्ष हो गए हैं। अगर मैं वहां होता, तो (उन्हें) जोरदार तमाचा मार देता।” उन्होंने दावा किया था कि ठाकरे 15 अगस्त पर राज्य की जनता के नाम अपने संबोधन में यह भूल गए थे कि स्वतंत्रता प्राप्ति को कितने वर्ष हो गए। इस टिप्पणी के लिए राणे के खिलाफ महाराष्ट्र में चार प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं। 

 

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