BLO को सुप्रीम कोर्ट का साथ! राज्यों को SIR के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात करने के आदेश

Edited By Updated: 04 Dec, 2025 02:30 PM

supreme court orders extra staff for blo in sir revision pressure

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) पर बढ़ते दबाव और आत्महत्या की घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को अतिरिक्त स्टाफ तैनात करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने BLOs के काम के घंटे कम करने, व्यक्तिगत आधार पर छूट के...

नेशनल डेस्क : विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) को लेकर काम तेजी से किया जा रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया का सबसे अधिक दबाव बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) पर पड़ रहा है। लगातार बढ़ते कार्यभार के कारण कई BLO अधिकारियों द्वारा आत्महत्या जैसी गंभीर घटनाएँ सामने आईं। इन परिस्थितियों को देखते हुए अब सुप्रीम कोर्ट BLOs के साथ खड़ी हुई है और राज्यों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि SIR के लिए अतिरिक्त स्टाफ तैनात किया जाए ताकि मौजूदा अधिकारियों पर दबाव कम किया जा सके।

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने SIR में लगे BLOs की समस्याओं और उनके ऊपर बढ़ते दबाव को गंभीरता से देखते हुए राज्यों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। इनमें BLOs के काम के घंटे कम करना, अतिरिक्त कर्मचारी तैनात करना और मानवीय आधार पर छूट की याचिकाओं पर विचार करना शामिल है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि BLO किसी कठिनाई का सामना कर रहा है तो उसे राहत दी जानी चाहिए, और उसकी जगह तुरंत किसी अन्य कर्मचारी की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए ताकि काम प्रभावित न हो।

SC ने राज्यों को दिए अपने महत्वपूर्ण निर्देश
BLOs की आत्महत्याओं का मामला उठने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि SIR के लिए अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती अनिवार्य है। BLOs की व्यक्तिगत छूट संबंधी अर्ज़ियों पर राज्य सरकारें और चुनाव आयोग केस-टू-केस आधार पर विचार करें। याचिकाकर्ता TVK ने BLOs पर दर्ज एफआईआर और जेल भेजने की धमकियों का मुद्दा भी उठाया था। इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि कोई BLO अपनी समस्या को लेकर सीधे अदालत में आना चाहे तो उसे ऐसा करने का पूरा अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग के अधीन प्रतिनियुक्त सरकारी कर्मचारियों को SIR की ड्यूटी निभानी होगी, लेकिन यदि किसी BLO को विशेष दिक्कत है तो अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए जा सकते हैं, ताकि काम सुचारू रूप से चलता रहे और किसी अधिकारी पर अनावश्यक दबाव न पड़े।

कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की संयुक्त पीठ ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकारों और राज्य चुनाव आयोगों की ओर से चुनाव आयोग (ECI) के अधीन SIR सहित वैधानिक दायित्व निभाने के लिए भेजे गए कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने BLOs पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए तीन बड़े निर्देश जारी किए—

अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती:
SIR में लगे BLOs के काम का बोझ कम करने के लिए राज्यों को तुरंत पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था करनी होगी।

छूट के अनुरोधों पर व्यक्तिगत आधार पर विचार:
यदि कोई BLO स्वास्थ्य या निजी कारणों से छूट चाहता है, तो उसकी अर्जी पर विशेष मानवीय आधार पर निर्णय लिया जाए। साथ ही तुरंत किसी अन्य कर्मचारी की नियुक्ति की जाए ताकि काम में बाधा न आए।

सीधे अदालत में गुहार:
यदि BLO को किसी तरह की राहत नहीं मिल रही है या उसकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है, तो वह सीधे सुप्रीम कोर्ट से भी संपर्क कर सकता है।

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