विदाई में रो पड़े थे PM मोदी, अब क्या गांधी परिवार के खास गुलाम नबी कांग्रेस से हो जाएंगे आजाद !

Edited By Anil dev,Updated: 17 Aug, 2022 02:00 PM

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जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) में फेरबदल से एक तूफान खड़ा हो गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष के रुप में नई भूमिका से इनकार कर दिया है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी...

नेशनल डेस्क: जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) में फेरबदल से एक तूफान खड़ा हो गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष के रुप में नई भूमिका से इनकार कर दिया है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को गुलाम नबी आजाद को केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया, लेकिन आजाद ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। 

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कांग्रेस में भले ही आजाद आज कल जुदा-जुदा दिख रहे हैं पर पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दिग्गज नेता की एक वक्त जमकर तारीफ की थी। दरअसल संसद में तीन दशक गुजार चुके कांग्रेस नेता आजाद 2021 में राज्यसभा से रिटायर हुए थे। उस दौरान उनके विदाई भाषण में बोलते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए थे। पीएम मोदी ने रूंधे गले से आजाद संग बिताए पलों को याद किया और एक वक्‍त तो रो पड़े थे। इस तारीफ के बाद ये कयास भी लगाए जाने लगे थे कि आजाद शायद पाला बदल लें। ये तो वक्त ही बताएगा कि गुलाम नबी आजाद किसी दूसरी पार्टी का दामन पकड़ते हैं या नहीं। लेकिन एक बात साफ है कि अब इस एक नए घटनाक्रम ने उनकी नाराजगी की खबरों को फिर से हवा दे दी है। 

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आपको बतां दे कि जम्मू और कश्मीर में संगठन में सुधार के तौर पर गांधी ने आज़ाद के करीबी माने जाने वाले विकार रसूल वानी को अपनी जम्मू-कश्मीर इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया। आजाद कांग्रेस के 'जी 23' समूह के प्रमुख सदस्य हैं। यह समूह पार्टी नेतृत्व का आलोचक रहा है और एक संगठनात्मक बदलाव की मांग करते आया है। आजाद को राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने के बाद दोबारा उच्च सदन में नहीं भेजा गया था। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता रमन भल्ला को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। पूर्व पीडीपी नेता तारिक हामिद कर्रा को अभियान समिति के उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है। नियुक्तियों को सार्वजनिक किए जाने के कुछ घंटे बाद, सूत्रों के हवाले से पता लगा है कि आज़ाद ने गांधी के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। हालांकि, वानी ने गुलाम अहमद मीर की जगह ली है जिन्होंने आठ साल तक इस पद पर रहने के बाद जुलाई में इस्तीफा दे दिया था।

कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि सोनिया ने गुलाम अहमद मीर का प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उनके स्थान पर रसूल वानी को अध्यक्ष नियुक्त किया। आजाद के करीबी माने जाने वाले वानी प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और बानिहाल से विधायक रह चुके हैं। बयान में कहा गया है कि सोनिया गांधी ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी के लिये चुनाव अभियान समिति और राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) समेत सात समितियों का भी गठन किया। पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के लिये समन्वय समिति, घोषणापत्र समिति, प्रचार एवं प्रकाशन समिति, अनुशासन समिति और प्रदेश चुनाव समिति का भी गठन किया है। जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान खत्म किये जाने के बाद से ही विधानसभा अस्तित्व में नहीं है। परिसीमन का काम संपन्न हो चुका है। फिलहाल सरकार की तरफ विधानसभा चुनाव की तिथि को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है। 

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