बैंक खातों में 4 नॉमिनी रखने का नया नियम लागू, दावेदारों को मिलेगी राहत

Edited By Updated: 04 Aug, 2024 05:36 PM

new rule of keeping 4 nominees in bank accounts implemented

शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंकिंग कानून में कई महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी है, जिनमें से सबसे खास बदलाव यह है कि अब बैंक खातों में 4 नॉमिनी रखे जा सकेंगे।

नेशनल डेस्क: शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंकिंग कानून में कई महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी है, जिनमें से सबसे खास बदलाव यह है कि अब बैंक खातों में 4 नॉमिनी रखे जा सकेंगे।

अब बैंक खाते में एक से अधिक नॉमिनी की मिलेगी सुविधा
अब तक, बैंक खातों में केवल एक ही नॉमिनी रखा जा सकता था, लेकिन नए बदलाव के बाद खाते में एक से अधिक नॉमिनी की सुविधा मिलेगी। इससे अकाउंट होल्डर की मौत के बाद भी उनके पैसे को जॉइंट अकाउंट होल्डर या वारिसों को आसानी से ट्रांसफर किया जा सकेगा।

क्यों पड़ी जरूरत ?
मार्च के अंत तक, उन खातों की संख्या बढ़कर 78 हजार करोड़ रुपए हो गई है जिनके लिए कोई क्लेम नहीं आया है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि अब तक अकाउंट में केवल एक ही नॉमिनी हो सकता था। यदि किसी दुर्घटना में नॉमिनी की भी मौत हो जाती है, तो उसके बाद क्लेम करने में कई परेशानियाँ आती हैं। सरकार इस समस्या को हल करने और अनक्लेम्ड अकाउंट की संख्या कम करने की कोशिश कर रही है।

ऐसे होगा फायदा
एक से अधिक नॉमिनी होने से अनक्लेम्ड अकाउंट की संख्या कम होगी और परिजनों को उनके पैसे मिल सकेंगे। मान लीजिए कि पति ने पत्नी को नॉमिनी बनाया और पत्नी ने पति को, लेकिन किसी दुर्घटना में दोनों की मौत हो गई। अगर नॉमिनी नंबर 2, 3, 4 भी होंगे, तो इस स्थिति में भी दावेदार बचे रहेंगे और अकाउंट होल्डर के पैसे उनके नॉमिनी को मिल सकेंगे। इंश्योरेंस और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) अकाउंट में पहले से एक से अधिक नॉमिनी तय करने की सुविधा है। इसी आधार पर सरकार ने बैंक खातों में 4 नॉमिनी की सुविधा देने का निर्णय लिया है।

अब तक के नियम
अभी तक जब आप बैंक अकाउंट खोलते हैं, तो आपको केवल एक नॉमिनी तय करने का विकल्प मिलता है।

अनक्लेम्ड अकाउंट का क्या होगा?
नए नियम के तहत, यदि किसी अकाउंट में शेयरों का बोनस या बॉंड का पैसा पड़ा है और उसके लिए कोई क्लेम नहीं आया, तो इसे 'इन्वेस्टर एजुकेशन प्रोटेक्शन फंड' (IEPF) में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। फिलहाल, केवल बैंकों के शेयर ही IEPF में ट्रांसफर होते हैं। इसके अलावा, जिन शेयरहोल्डर्स के पास 2 करोड़ रुपये तक के शेयर हैं, उन्हें संबंधित कंपनी में अहम हिस्सेदार माना जाएगा। पहले यह सीमा 5 लाख रुपये थी, जिसे लगभग 60 साल पहले तय किया गया था।


 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!