Edited By vasudha,Updated: 29 Oct, 2020 10:48 AM
आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की छापेमारी जारी है। इसीके तहत वीरवार को भी कश्मीर घाटी में नौ और दिल्ली में एक स्थान पर छापे मारे गए । आज की जांच में छह गैर सरकारी संगठन और ट्रस्ट भी शामिल थे। एनआईए के...
नेशनल डेस्क: आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की छापेमारी जारी है। इसीके तहत वीरवार को भी कश्मीर घाटी में नौ और दिल्ली में एक स्थान पर छापे मारे गए । आज की जांच में छह गैर सरकारी संगठन और ट्रस्ट भी शामिल थे। एनआईए के निशाने पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व प्रमुख ज़फरुल-इस्लाम खान की संपत्ति भी है।
कई दस्तावेज जब्त
एनआईए ने एक बयान में कहा कि छापेमारी के दौरान दोष साबित करने वाले कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं। बयान के मुताबिक जिन संगठनों के ठिकाने पर छापेमारी की कार्रवाई की गई उनमें दिल्ली का धर्माथ संगठन फलाह-ए-आम ट्रस्ट, ह्यूमन वेलफेयर फाउंडेशन, जेके यतीम फाउंडेशन, साल्वेशन मूवमेंट और जेके वॉइस ऑफ विक्टिम्स शामिल हैं।
एनआईए को मिली विश्वसनीय सूचना
अधिकारियों ने बताया कि इन गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और ट्रस्ट के खिलाफ विश्वसनीय सूचना मिलने के बाद आठ अक्टूबर को भारतीय दंड संहिता और यूएपीए की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि सूचना मिली थी कि ये संगठन तथाकथित दान और कारोबारी योगदान के माध्यम से देश और विदेश से चंदा एकत्र करते हैं और उसका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण में करते हैं।
कश्मीर घाटी में 10 जगहों पर हुई थी छापेमारी
वहीं इससे एक दिन पहले एनआईए ने धर्मार्थ कार्यों के वास्ते जुटाए गए धन को ट्रस्ट और एनजीओ द्वारा जम्मू कश्मीर में ‘‘अलगाववादी गतिविधियों'' में इस्तेमाल करने के एक मामले में कश्मीर घाटी में 10 जगहों और बेंगलुरु में एक स्थान पर छापेमारी की थी। जिनके परिसरों की तलाशी ली गई उनमें खुर्रम परवेज (जम्मू-कश्मीर कोअलिशन ऑफ सिविल सोसाइटी के समन्वयक), उनके सहयोगी परवेज अहमद बुखारी, परवेज अहमद मट्टा और बेंगलुरु में सहयोगी स्वाति शेषाद्रि तथा ‘एसोसिएशन ऑफ पैरेंट्स ऑफ डिसैपियर्ड पर्सन्स' की अध्यक्ष परवीना अहंगर भी शामिल हैं।