Edited By Mehak,Updated: 20 Nov, 2025 12:50 PM

बिहार में नीतीश कुमार ने आज 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बुधवार को एनडीए ने उन्हें अपना नेता चुना, जिसके बाद नई सरकार का गठन हुआ। शपथ ग्रहण समारोह पटना के गांधी मैदान में आयोजित किया गया, जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह,...
नेशनल डेस्क : बिहार में नीतीश कुमार ने आज 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। NDA द्वारा बुधवार को उन्हें अपना नेता चुने जाने के बाद नई सरकार का गठन हुआ। पटना के गांधी मैदान में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और NDA के अन्य प्रमुख नेता मौजूद रहे।
नीतीश कुमार ने सुबह 11.30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164(3) के तहत होता है, जिसमें मुख्यमंत्री और मंत्रियों को अपने पद और गोपनीयता के प्रति जिम्मेदारी का संकल्प लेना होता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पद का दुरुपयोग न हो और सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार किया जाए।
शपथ का नियम और पाठ
भारतीय संविधान के अनुसार शपथ लेने वाले व्यक्ति को निर्धारित प्रारूप में शपथ पढ़नी होती है। शपथ दिलाने की जिम्मेदारी राज्यपाल की होती है। यदि कोई शपथ गलत पढ़ता है, तो राज्यपाल उसे सही ढंग से पढ़ने के लिए रोक सकते हैं। शपथ में मुख्यमंत्री यह प्रतिज्ञा करते हैं कि वे अपने कर्तव्यों का निष्पक्ष और ईमानदारी से पालन करेंगे, संविधान की रक्षा करेंगे, और किसी भी प्रकार के पक्षपात या भय के बिना न्याय करेंगे। इसके अलावा, वे अपने पद के दौरान प्राप्त किसी भी गोपनीय जानकारी को साझा नहीं करेंगे।
शपथ के बाद दस्तावेज पर दस्तखत
मुख्यमंत्री और मंत्रियों को शपथ लेने के बाद संवैधानिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होता है। यह दस्तावेज राज्यपाल के पास रखा जाता है और सचिव द्वारा सत्यापित किया जाता है। सत्यापन और अनुमोदन के बाद इसे गजट नोटिफाइड किया जाता है, जिससे शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी मानी जाती है। नीतीश कुमार की नई सरकार की शपथ ग्रहण के साथ ही बिहार में NDA की प्रचंड जीत के बाद सरकार का नया कार्यकाल भी शुरू हो गया है।