Edited By Parveen Kumar,Updated: 05 Sep, 2025 06:11 PM

जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव होने वाला है, जिससे आम घरेलू सामान और सेवाओं पर टैक्स कम हो जाएगा। इसके असर से अगले वित्त वर्ष 2025-26 में रिटेल महंगाई (इंफ्लेशन) में 0.65 से 0.75 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। यह जानकारी एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में दी...
नेशनल डेस्क: जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव होने वाला है, जिससे आम घरेलू सामान और सेवाओं पर टैक्स कम हो जाएगा। इसके असर से अगले वित्त वर्ष 2025-26 में रिटेल महंगाई (इंफ्लेशन) में 0.65 से 0.75 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। यह जानकारी एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में दी गई है।
जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में पुरानी चार स्तरीय टैक्स प्रणाली (5%, 12%, 18%, 28%) को हटाकर दो स्तरीय टैक्स सिस्टम (5% और 18%) को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही, कुछ लग्जरी वस्तुओं और सेवाओं के लिए 40% की खास टैक्स दर भी तय की गई है। इस नए बदलाव से रोजमर्रा के कई जरूरी सामान सस्ते हो जाएंगे और कुछ पर तो टैक्स बिल्कुल नहीं लगेगा।
नई दरें कब से लागू होंगी?
तंबाकू और उससे जुड़े उत्पादों को छोड़कर नई टैक्स दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। रिपोर्ट के मुताबिक, 453 वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव होगा, जिनमें से 413 वस्तुओं पर टैक्स घटेगा और केवल 40 वस्तुओं पर टैक्स बढ़ेगा। खासकर खाने-पीने की लगभग 295 जरूरी चीजों पर टैक्स दर 12% से घटाकर 5% या 0% कर दी गई है। इससे उपभोक्ताओं को लगभग 60% तक फायदा होगा, जिससे महंगाई में 0.25 से 0.30 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।
रिटेल महंगाई पर असर
एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि सेवाओं पर भी जीएसटी दरों को आसान बनाने से अन्य वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में 0.40 से 0.45 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2026-27 में रिटेल महंगाई में 0.65 से 0.75 प्रतिशत तक की कमी देखी जा सकती है।
जीएसटी की औसत दर कितनी होगी?
जीएसटी काउंसिल द्वारा पिछले रेट रेशनलाइजेशन के बाद सितंबर 2019 में औसत जीएसटी दर 14.4% से घटकर 11.6% हो गई थी। नए बदलावों के बाद यह औसत दर और कम होकर लगभग 9.5% रह सकती है। इससे जरूरी सामान और सेवाएं सस्ती होंगी, जो आम जनता के लिए राहत की खबर है।