Edited By Harman Kaur,Updated: 20 Aug, 2025 08:31 PM

भारत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को नियंत्रित करने और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से 'ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025' लोकसभा में पारित कर दिया है। इस नए कानून के तहत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को दो स्पष्ट श्रेणियों में बांट दिया है- ई-स्पोर्ट्स और रियल मनी...
नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को नियंत्रित करने और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से 'ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025' लोकसभा में पारित कर दिया है। इस नए कानून के तहत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को दो स्पष्ट श्रेणियों में बांट दिया है- ई-स्पोर्ट्स और रियल मनी गेम्स। इस बिल का मकसद जहां ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देना है, वहीं रियल मनी गेम्स पर कड़ा नियंत्रण लगाना है। आइए जानते हैं इस बिल की मुख्य बातें और इसका गेमिंग इंडस्ट्री पर क्या असर होगा।

ई-स्पोर्ट्स को मिलेगा प्रोत्साहन
सरकार ने जिन गेम्स को ई-स्पोर्ट्स की श्रेणी में रखा है, वे ऐसे गेम हैं, जिनमें पैसे का कोई सीधा लेन-देन नहीं होता। यानी गेम खेलने के लिए या खेलने के दौरान कोई रकम दांव पर नहीं लगाई जाती। इन गेम्स में प्रमुख तौर पर GTA, Call of Duty, BGMI, Free Fire जैसे नाम शामिल हैं। ये गेम्स आम तौर पर मनोरंजन, प्रतिस्पर्धा और प्रोफेशनल टूर्नामेंट्स के लिए खेले जाते हैं। सरकार इन ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल करने जा रही है, जिससे भारत में गेमिंग को एक पेशेवर करियर के रूप में विकसित किया जा सके।
रियल मनी गेम्स पर कसेगा शिकंजा
दूसरी ओर, रियल मनी गेम्स पर सरकार सख्त नियंत्रण लगाने की तैयारी में है। इस श्रेणी में ऐसे गेम शामिल हैं, जिनमें खेलने के लिए सीधे तौर पर पैसे का उपयोग किया जाता है। इनमें रम्मी, फैंटेसी क्रिकेट, लूडो जैसे गेम्स शामिल हैं, जिन्हें खेलते समय लोग कार्ड, UPI या डिजिटल वॉलेट के जरिए पैसे लगाते हैं और जीतने पर रियल कैश उनके खाते में ट्रांसफर होता है।

ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 की मुख्य विशेषताएं
- बैंकिंग सिस्टम के जरिए होने वाले लेन-देन पर रोक लगेगी।
- रियल मनी गेम्स के विज्ञापन और प्रचार पर पूर्ण प्रतिबंध।
- बिना पंजीकरण (Unregistered) वाले गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
- एक स्वतंत्र नियामक प्राधिकरण (Regulatory Authority) का गठन होगा जो ऑनलाइन गेमिंग की निगरानी करेगा।
- अवैध प्लेटफॉर्म्स चलाने वालों को 3 साल की जेल या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना।
- ऐसे गेम्स का विज्ञापन करने पर 2 साल की जेल या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना।
- फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन में शामिल संस्थाओं को भी सख्त सजा का प्रावधान।
- बार-बार अपराध करने वालों पर गैर-जमानती धाराओं के तहत कार्रवाई और संपत्ति जब्ती का अधिकार अधिकारियों को होगा।

सरकार को गेमिंग से मिल रहा है बड़ा राजस्व
यह बिल इसलिए भी अहम है, क्योंकि गेमिंग इंडस्ट्री से सरकार को हर साल लगभग 20 हजार करोड़ रुपए टैक्स के रूप में प्राप्त होते हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में 400 से अधिक स्टार्टअप्स शुरू हुए हैं और 25 हजार करोड़ रुपए का विदेशी निवेश (FDI) आया है। वित्तीय मामलों की बात करें तो, वर्ष 2023 में सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लागू किया था। और अब 2025 से, गेमिंग में जीत की रकम पर 30% टैक्स का प्रावधान भी लागू किया गया है।