संसद सत्र में सियासी संग्राम: 21 जुलाई से शुरू होगा मानसून सत्र, विपक्ष ने बनाई सरकार को घेरने की रणनीति

Edited By Updated: 19 Jul, 2025 01:35 PM

opposition gears up for monsoon session

संसद का बहुप्रतीक्षित मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा। इस एक महीने लंबे सत्र के लिए विपक्ष ने पूूरी तैयारी कर ली है। विपक्ष सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की पूरी तैयारी में है।

नेशनल डेस्क : संसद का बहुप्रतीक्षित मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा। इस एक महीने लंबे सत्र के लिए विपक्ष ने पूूरी तैयारी कर ली है। विपक्ष सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की पूरी तैयारी में है। 'इंडिया' गठबंधन की बैठकें जारी हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इस मीटिंग में  तृणमूल कांग्रेस जैसी कुछ पार्टियां इन बैठकों में शामिल नहीं हो रही हैं, फिर भी वे सरकार से तीखे सवाल पूछने को तैयार हैं। आइए जानते हैं कौन से मुद्दे इस मानसून सत्र के सबसे बड़े केंद्रबिंदु बन सकते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के बयान और राहुल गांधी का 'सरेंडर' बयान

विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे को प्रमुखता से उठाने का मन बनाया है। खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस संबंध में दिए गए बयानों को लेकर। ट्रंप ने कई बार दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम करवाया था। हाल ही में उनका बयान आया कि युद्ध के दौरान पांच जेट गिराए गए थे। पहले भी कुछ सैन्य अधिकारियों के इसी ओर इशारा करने पर काफी हंगामा हो चुका है और राहुल गांधी पहले ही "नरेंद्र सरेंडर" जैसा बयान दे चुके हैं। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को पूरी तैयारी के साथ घेरने की कोशिश करेगा। विदेश मंत्री जयशंकर के सीजफायर पर दिए गए बयान को लेकर भी विपक्ष उन्हें कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगा। लोकसभा में राहुल गांधी और राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे इस बहस की अगुवाई करेंगे, जिसमें समाजवादी पार्टी भी सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार है।

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बिहार वोटर लिस्ट विवाद और NRC से जुड़ाव

दूसरा बड़ा मुद्दा बिहार में विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) होगा, जिसे विपक्ष राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से जोड़कर देखेगा। विपक्ष का तर्क है कि सरकार मतदाता पुनरीक्षण के बहाने नागरिकता तय करना चाहती है जो चुनाव आयोग का काम नहीं है। इस मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर सीधे तौर पर चुनाव आयोग होगा, लेकिन उसका मुख्य लक्ष्य सरकार रहेगी। विपक्ष सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के 'सरकारीकरण' का आरोप लगाएगा। बिहार में इस समय मतदाता पुनरीक्षण कराए जाने पर भी सवाल उठाए जाएंगे। इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस भी विपक्ष के साथ होगी, क्योंकि ममता बनर्जी को लगता है कि अगला नंबर पश्चिम बंगाल का ही होने वाला है।

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बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था और विमान हादसे की रिपोर्ट

विपक्ष इसी कड़ी में बिहार की कानून व्यवस्था को भी मुद्दा बनाना चाहेगा, क्योंकि चुनाव से पहले राज्य में चल रहा हत्याओं का दौर वाकई चिंताजनक है। कानून व्यवस्था राज्य का विषय होने के कारण संसद में इस पर सीधे बहस की अनुमति मिलना मुश्किल है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर हंगामा जरूर कर सकता है।

इसके अलावा अहमदाबाद में हुए विमान हादसे की रिपोर्ट पर भी विपक्ष सरकार से सवाल पूछेगा और इसे विमान यात्री सुरक्षा से जोड़ेगा। रिपोर्ट में हादसे का कोई खास कारण नहीं बताया गया है, जिस पर कई सवाल उठ रहे हैं।

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जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा और सत्र का मिजाज

विपक्ष जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए इस मुद्दे को भी उठाएगा। इस विषय पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों के विपक्ष के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे पहले ही सरकार को चिट्ठी लिख चुके हैं।

कुल मिलाकर मानसून सत्र के शुरुआती दिन काफी हंगामेदार रहने वाले हैं। सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगी, क्योंकि विपक्ष ने विभिन्न राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी रणनीति बना ली है।

 

 

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