Edited By Seema Sharma,Updated: 27 Jun, 2022 12:40 PM
राष्ट्रपति पद के विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया। सिन्हा के नामांकन दाखिल करने के दौरान शरद पवार, राहुल गांधी और अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेता मौजूद रहे।
नेशनल डेस्क: राष्ट्रपति पद के विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया। सिन्हा के नामांकन दाखिल करने के दौरान शरद पवार, राहुल गांधी और अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेता मौजूद रहे। बता दें राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होने हैं। एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया है। द्रौपदी मुर्मू ने पिछले हफ्ते ही अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। इस दौरान उनके साथ पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत भाजपा शासित मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे थे।
साधारण पृष्ठभूमि की आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू
साधारण पृष्ठभूमि की आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का उम्मीदवार बनाकर भाजपा अपनी प्रतिनिधिक राजनीति के बारे में एक व्यापक संदेश देने में सफल होती नजर आ रही है क्योंकि उनके (मुर्मू के) भारत के प्रथम एसटी (अनुसूचित जनजाति) राष्ट्रपति बनने की पूरी संभावना है। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने 2017 में मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाया था जो दलित समुदाय से आते हैं।
यशवंत सिन्हा पर विपक्ष का दांव
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस तथा वाम दल जैसे भाजपा के अन्य धुर विरोधियों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाकर क्या कोई महत्वपूर्ण संदेश दिया है? राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सिन्हा का समर्थन करने का कांग्रेस का फैसला क्षेत्रीय दलों के साथ तालमेल बिठाने की उसकी इच्छा का संकेत देता है क्योंकि विपक्ष 2024 के आम चुनाव की तैयारी करना चाहता है। मोदी सरकार के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने वाले भाजपा के एक पूर्व नेता को अपना उम्मीदवार बनाने का विपक्ष का फैसला यह संदेश देने का प्रयास प्रतीत होता है कि वर्तमान सरकार के जो भी खिलाफ हैं उन्हें एकजुट होना चाहिए।