सरकारी स्कूल के बच्चों को खिलाया कुत्तों का जूठा खाना, अब हर बच्चे को 25-25 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश

Edited By Updated: 21 Aug, 2025 12:32 AM

order to pay 25 000 rupees compensation for serving leftover food to dogs

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के लच्छनपुर स्थित सरकारी मिडिल स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील के तहत कुत्तों का जूठा खाना परोसने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने इसे बेहद...

नेशनल डेस्क: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के लच्छनपुर स्थित सरकारी मिडिल स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील के तहत कुत्तों का जूठा खाना परोसने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने इसे बेहद गंभीर और संवेदनशील मामला मानते हुए सभी 84 पीड़ित बच्चों को 25-25 हजार रुपये का मुआवजा एक महीने के भीतर देने का आदेश दिया।

कोर्ट ने बच्चों के स्वास्थ्य को बताया सर्वोच्च प्राथमिकता

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कहा कि इस तरह की घटनाएं बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन के साथ खिलवाड़ हैं। कोर्ट ने राज्य के शिक्षा सचिव को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस और प्रभावी इंतजाम किए जाएं।

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जिन बच्चों को कुत्तों का जूठा खाना परोसा गया है, उनका संपूर्ण वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जाए, जिससे किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या से उन्हें बचाया जा सके।

घटना का पूरा मामला

यह मामला 28 जुलाई 2025 का है, जब पलारी ब्लॉक के लच्छनपुर मिडिल स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील के रूप में ऐसा खाना परोसा गया, जिसे पहले आवारा कुत्ते छू और खा चुके थे। बच्चों ने जब यह बात अपने अभिभावकों को बताई, तो मामले की शिकायत स्कूल समिति तक पहुंची। शिकायत के बाद बच्चों को एंटी-रेबीज वैक्सीन दी गई।

असमान आंकड़ों पर भी हाईकोर्ट की टिप्पणी

मीडिया रिपोर्ट्स में 78 से 83 बच्चों को वैक्सीन देने के अलग-अलग आंकड़े सामने आए थे। लेकिन हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि चाहे आंकड़े कुछ भी कहें, सभी 84 बच्चों को मुआवजा और टीकाकरण दोनों मिलना चाहिए।

शिक्षा सचिव से मांगा जवाब

इससे पहले अदालत ने शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर जवाब देने के लिए कहा था। सचिव द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने दो टूक कहा कि अब इस मामले में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कोर्ट की चेतावनी: जवाबदेही तय होगी

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह केवल मुआवजे का मामला नहीं है, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और भविष्य से जुड़ा गंभीर विषय है। यदि इस तरह की घटनाओं में दोबारा लापरवाही सामने आई, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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