Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Jun, 2021 08:28 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संयुक्त राष्ट्र में मरुस्थलीकरण, भूमि अवक्रमण और सूखे पर उच्च स्तरीय वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष कर रहे हैं। महासभा अध्यक्ष के कार्यालय द्वारा यहां जारी एक...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संयुक्त राष्ट्र में मरुस्थलीकरण, भूमि अवक्रमण और सूखे पर उच्च स्तरीय वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष कर रहे हैं। महासभा अध्यक्ष के कार्यालय द्वारा यहां जारी एक मीडिया परामर्श के अनुसार, ‘कांफ्रेंस ऑफ द पार्टीज टू द यूनाइटेड नेशन्स कन्वेन्शन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन' (UNCCD COP) के 14वें सत्र के अध्यक्ष मोदी महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष वोल्कन बोज्किर द्वारा आयोजित इस उच्च स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। परामर्श में कहा गया कि भूमि हमारे समाज की नींव है और वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पर्यावरणीय स्वास्थ्य, भुखमरी खत्म करने, गरीबी उन्मूलन और किफायती ऊर्जा की आधारशिला है। यह सतत विकास के लिए 2030 के संपूर्ण एजेंडे की सफलता को रेखांकित करता है।
मोदी ने सितंबर 2019 में नई दिल्ली में UNCCD COP के उच्च स्तरीय 14वें सत्र का शुभारंभ किया था। इस कांफ्रेंस ने दिल्ली घोषणा को मंजूर किया था जिसमें विभिन्न पक्षों को मरुस्थलीकरण, भूमि अवक्रमण और सूखे से निपटने के उद्देश्य वाली परियोजनाओं के संदर्भ में ग्रामीण और शहरी समुदायों की ऊर्जा तक पहुंच बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया। जलवायु संबंधी कारकों अथवा मानवीय हस्तक्षेप के कारण भूमि और मृदा की उत्पादक क्षमता में कमी आना भूमि अवक्रमण कहलाता है।
मरुस्थलीकरण ज़मीन का सूखना तथा बंजर होना है, जो शुष्क और अर्द्ध-नम क्षेत्रों में विभिन्न कारकों की वजह से होता है जिनमें विविध जलवायु और मानवीय गतिविधियां भी शामिल है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वैश्विक रूप से पृथ्वी के भूमि क्षेत्र का दो अरब हेक्टेयर से ज्यादा के क्षेत्र का अवक्रमण हो गया है जिसमें कृषि भूमि का आधे से ज्यादा हिस्सा शामिल है। अगर हमने मृदा का प्रबंधन नहीं किया तो 2050 तक 90 प्रतिशत से अधिक भूमि का अवक्रमण हो सकता है।''