महिलाओं के अपमान पर छलका PM मोदी का दर्द...विपक्ष बोला-पहले अपनी पार्टी का रवैया सुधारें प्रधानमंत्री

Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Aug, 2022 04:27 PM

pm watch your party s attitude towards women opposition

प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में ‘नारी शक्ति' की सराहना किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने सोमवार को कहा कि नरेंद्र मोदी अपने अंदर झांककर देखें तथा उन्हें महिलाओं के प्रति अपनी पार्टी के रवैये को भी देखना चाहिए।

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में ‘नारी शक्ति' की सराहना किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने सोमवार को कहा कि नरेंद्र मोदी अपने अंदर झांककर देखें तथा उन्हें महिलाओं के प्रति अपनी पार्टी के रवैये को भी देखना चाहिए। लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने लोगों से ऐसा कुछ भी न करने का संकल्प लेने का आग्रह किया, जिससे महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि बोलने में और आचरण में ‘‘हम ऐसा कुछ न करें जो महिलाओं का सम्मान कम करता हो।''

 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे आचरण में विकृति आ गई है और हम कभी-कभी महिलाओं का अपमान करते हैं। क्या हम अपने व्यवहार और मूल्यों में इससे छुटकारा पाने का संकल्प ले सकते हैं।'' तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने मोदी पर कटाक्ष किया और एक चुनावी रैली के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उनके द्वारा की गई "दीदी ओ दीदी" टिप्पणी की याद दिलाई। ओ'ब्रायन ने ट्विटर पर बनर्जी का संदर्भ देते हुए प्रधानमंत्री का एक वीडियो संलग्न किया और कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि हम महिलाओं के प्रति द्वेष समाप्त करने का संकल्प लें। पूरी तरह सहमत, श्रीमान। क्या हमें आपके साथ शुरुआत करनी चाहिए।''

 

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने भी प्रधानमंत्री से महिलाओं के संबंध में अपनी पार्टी के पुरुषों के रवैये को देखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ महिलाओं के बारे में नहीं है। समाज में सभी मनुष्यों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि मानसिकता को एक ऐसी पार्टी द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है जो मनुस्मृति, पितृसत्ता और जाति व्यवस्था में विश्वास करती है। इस सरकार के पास संसद के दोनों सदनों में बहुमत है, फिर भी उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं किया है।'' राजा ने कहा, "उनका भाषण महज बयानबाजी है और महिलाओं के प्रति या सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के प्रति कोई गंभीर प्रतिबद्धता नहीं है।"

 

शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मोदी के शब्द जमीनी कार्रवाई से मेल नहीं खाते। उन्होंने कहा, "अगर हम महाराष्ट्र कैबिनेट को देखें तो कोई महिला नहीं है, यहां तक ​​कि महिला और बाल विभाग भी पुरुष मंत्रियों द्वारा देखे जा रहे हैं।" चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘भाजपा ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की बात भी कही लेकिन पूर्ण बहुमत होने के बावजूद इसे लागू नहीं किया गया है।'' उन्होंने 'सुल्ली और बुल्ली' मामलों का भी जिक्र किया जिसमें सोशल मीडिया पर महिलाओं की कथित बोली लगाई गई थी।

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