Air Pollution Attack On Fertility: हवा में घुल रही मर्दानगी और जहरीले प्रदूषण से बढ़ रहा बांझपन का खतरा

Edited By Updated: 29 Oct, 2025 01:34 PM

pollution is destroying the fertility of both men and women

एयर पॉल्यूशन (Air Pollution) आज केवल फेफड़ों और हृदय रोगों तक सीमित नहीं रहा बल्कि अब यह मानव प्रजनन क्षमता को भी गंभीर रूप से कमजोर कर रहा है। 2024 में सामने आई एक अमेरिकी स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि हवा में मौजूद जहरीले कण, कम उम्र में...

नेशनल डेस्क। एयर पॉल्यूशन (Air Pollution) आज केवल फेफड़ों और हृदय रोगों तक सीमित नहीं रहा बल्कि अब यह मानव प्रजनन क्षमता को भी गंभीर रूप से कमजोर कर रहा है। 2024 में सामने आई एक अमेरिकी स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि हवा में मौजूद जहरीले कण, कम उम्र में ही इनफर्टिलिटी (Infertility) के खतरे को तेजी से बढ़ा रहे हैं। यह जहरीली हवा महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों की प्रजनन क्षमता के लिए भी उतनी ही खतरनाक है।

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एग और स्पर्म दोनों का विकास हो रहा बाधित

द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार इस रिसर्च में पाया गया कि हवा में मौजूद टॉक्सिक कण (Toxic Particles) केवल श्वसन प्रणाली (Respiratory System) पर ही नहीं, बल्कि एग (Egg), स्पर्म (Sperm) और एम्ब्रियो (Embryo) के विकास पर भी बुरा असर डाल सकते हैं। जहां पहले यह माना जाता था कि प्रदूषण का असर महिलाओं की फर्टिलिटी पर ज्यादा होता है वहीं इस नई रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पुरुषों का एक्सपोजर भी उतना ही खतरनाक है। हवा में मौजूद ऑर्गेनिक कार्बन और पार्टिक्युलेट मैटर (PM) जैसी चीजें अंडाणु और शुक्राणु दोनों की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकती हैं जिससे गर्भधारण की संभावना घट जाती है।

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PM कणों का सबसे ज्यादा हानिकारक प्रभाव

स्टडी में मुख्य रूप से पार्टिक्युलेट मैटर (PM) को फर्टिलिटी के लिए सबसे हानिकारक पाया गया है। ये सूक्ष्म कण मुख्य रूप से डीजल वाहनों, इंडस्ट्री और पावर प्लांट्स से निकलते हैं।
जब ये सूक्ष्म कण शरीर में पहुंचते हैं तो वे एग और स्पर्म के विकास चक्र को बाधित करते हैं जिससे फर्टिलाइजेशन (Fertilization) की प्रक्रिया प्रभावित होती है। इतना ही नहीं यह एम्ब्रियो की गुणवत्ता को भी घटा देता है।शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि सिर्फ लंबे समय का ही नहीं बल्कि छोटे समय का एयर पॉल्यूशन एक्सपोजर भी फर्टिलिटी के लिए खतरनाक हो सकता है।

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IVF क्लीनिक की अंदरूनी हवा भी डाल रही असर

रिसर्च का एक दिलचस्प पहलू यह था कि भारत में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की पत्नियों में गर्भधारण की संभावना कम पाई गई क्योंकि वे लंबे समय तक हाई पॉल्यूशन एरिया में रहती हैं। स्टडी में पाया गया कि IVF क्लीनिक के अंदर की हवा की गुणवत्ता भी फर्टिलिटी के नतीजों को प्रभावित कर रही थी। रिसर्च में पाया गया कि क्लीनिक के अंदर ऑर्गेनिक कार्बन और ओजोन की मात्रा ज्यादा होने पर एग की सर्वाइवल रेट और फर्टिलाइजेशन रेट घट जाती है भले ही वहां एयर फिल्टर सिस्टम मौजूद हों।

शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि फर्टिलिटी ट्रीटमेंट कराने वाले कपल्स को सिर्फ बाहर की नहीं बल्कि अपने आस-पास की अंदरूनी हवा की शुद्धता पर भी ध्यान देना चाहिए।

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