प्रज्वल रेवन्ना सेक्स स्कैंडल: लॉकडाउन में फार्महाउस पर मां-बेटी से रेप, 2 हज़ार से ज़्यादा क्लिप्स वायरल

Edited By Updated: 02 Aug, 2025 09:11 AM

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कर्नाटक के JDS नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना, जो कुशल परिवार की तीसरी पीढ़ी का हिस्सा हैं-उनकी पहचान सिर्फ राजनीतिकोत्तरी नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक गहरी कानूनी और नैतिक संकट के रूप में भी सामने आई। आरंभ 2024 की लोकसभा चुनावों से पहले जब...

नेशनल डेस्क: कर्नाटक के JDS नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना, जो कुशल परिवार की तीसरी पीढ़ी का हिस्सा हैं-उनकी पहचान सिर्फ राजनीतिकोत्तरी नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक गहरी कानूनी और नैतिक संकट के रूप में भी सामने आई। आरंभ 2024 की लोकसभा चुनावों से पहले जब उनके हजारों कथित सेक्स वीडियो वायरल हुए, तब से यह मामला सुर्खियों में है। अब 1 अगस्त 2025 को बेंगलुरु की विशेष अदालत ने उन्हें दोषी भी ठहराया है।

एक महिला का बयान-जिसने सिर्फ अपने साथ हुए शोषण की नहीं, बल्कि अपनी नाबालिग बेटी के साथ हुई अश्लील हरकतों की भी जानकारी दी। महिला का दावा था कि पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने वीडियो कॉल के ज़रिए उसकी बेटी के साथ अश्लील दुर्व्यवहार किया और उसके साथ गंदी बातचीत’ की। इतना ही नहीं प्रज्वल के पिता HD रेवन्ना ने भी अपनी पत्नी की गैर-मौजूदगी में मेरा यौन उत्पीड़न किया था। महिला ने दावा किया उनकी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों की जान को खतरा है।

 कहानी की शुरुआत और वायरल वीडियो की लहर
अप्रैल 2024 में, हासन क्षेत्र में वोटिंग डे के बाद अचानक हजारों सेक्स वीडियो क्लिप वायरल हुईं, जिनमें रेवन्ना को कई महिलाओं के साथ आपत्तिजनक हालात में दिखाया गया। कथित रूप से ये वीडियो उन्होंने खुद रिकॉर्ड किए थे और स्थानीय तौर पर फैलाए गए थे।  इस घटना के खिलाफ जवाब देते हुए, उन्होंने दावा किया कि ये मॉर्फ्ड वीडियो हैं और बदनाम करने के प्रयास का हिस्सा।  इसी बीच वह जर्मनी की उड़ान पर सवार हो गए—जो इस विवादास्पद समय में कई तरह के सवाल खड़े करने वाला कदम था। 
 
  SIT जांच और कानूनी मोर्चा
पूरे सनसनी के बीच कर्नाटक सरकार ने SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन किया। जिसमें उनके खिलाफ चार मामले दर्ज किए गए।  11 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज की, यह कहते हुए कि वे सत्ता का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।  हाई कोर्ट ने भी अक्टूबर 2024 में उनकी जमानत को ठुकरा दिया, यह देख कर कि अभियोग वापस लेने की कोई मान्य वजह नहीं है। 

आरोप और चार्जशीट 

चार्ज्ग IPC की कई धाराओं, जैसे–
376(2) (k) (अधिकार के आधार पर बलात्कार),
376(2) (n) (बार-बार बलात्कार),
354A, 354B, 354C (शारीरिक उत्पीड़न, अपशोषण, Voyeurism),
506 (धमकी देना), §201 (साक्ष्य मिटाना) और IT Act की §66E (गोपनीयता का उल्लंघन) के तहत लगाए गए। 

SIT ने खोलते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने 1,632‑2,144 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 113 से 123 गवाहों और डिजिटल‑फोरेंसिक सबूत शामिल थे।  मुख्य पीड़िता, लगभग 47‑48 वर्ष की महिला, जो परिवार के फार्महाउस में काम करती थी, ने आरोप लगाया कि 2021 में लॉकडाउन के दौरान रेवन्ना ने दो बार उनका बलात्कार किया और इसे रिकॉर्ड किया। बाद में वह इन वीडियो से डर गईं और शिकायत नहीं कर पाईं। 

अदालत ने सुनाया फैसला
1 अगस्त 2025 को विशेष न्यायालय (MP/MLA मामलों के लिए) ने प्रज्वल रेवन्ना को दोषी घोषित कर दिया।  इस घटना के बाद भीड़-भाड़ वाले कोर्ट रूम में रेवन्ना भावुक हो गए, उन्होंने आंखें भर आईं और रोते हुए बाहर निकले।  अदालत ने सजा की घोषणा 2 अगस्त 2025 को निर्धारित कर दी है। अगले दिन (शनिवार) इस बात का खुलासा हो जाएगा कि उन्हें कितने साल की सजा होगी। 

 जानिए आरोपी की पृष्ठभूमि
प्रज्वल रेवन्ना, उम्र लगभग 34 साल, JDS से निष्कासित पूर्व सांसद, हैं। वे कर्नाटक के पूर्व PWD मंत्री एच.डी. रेवन्ना के पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के भतीजे हैं। इसके अलावा, वे पूर्व प्रधानमंत्री HD देवेगौड़ा के वंशज भी हैं।  उन्होंने 2014 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री ली थी और नवंबर 2019 में राज्य महासचिव के पद पर नियुक्त किए गए थे। 

चार अलग-अलग महिलाओं की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया और कर्नाटक सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। जांच में सामने आया कि इन मामलों में तकनीकी सबूत, जैसे कि मोबाइल वीडियो, डिजिटल फोरेंसिक रिपोर्ट (FSL), कॉल रिकॉर्ड्स और पीड़ितों के बयान बेहद अहम साबित हुए। जांच पूरी होने के बाद SIT ने एक विस्तृत चार्जशीट दाखिल की जिसमें गंभीर आपराधिक धाराओं का उल्लेख था।

प्रज्वल रेवन्ना पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 354 की कई उपधाराएं (यौन उत्पीड़न), 506 (धमकी देना), 201 (सबूत मिटाना) और IT एक्ट की धारा 66E (गोपनीयता का उल्लंघन) के तहत आरोप लगाए गए। कोर्ट में कुल 26 गवाहों के बयान हुए। वीडियो और फोरेंसिक रिपोर्ट को निर्णायक सबूत माना गया। करीब 14 महीने की न्यायिक प्रक्रिया के बाद 1 अगस्त 2025 को अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना को दोषी ठहराया। सजा की घोषणा 2 अगस्त 2025 को होनी है। 
 

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