Edited By Radhika,Updated: 14 Nov, 2025 06:40 PM

प्रेमानंद महाराज अपने सहज, सरल और दिल छू लेने वाले प्रवचनों के लिए देश भर में काफी प्रसिद्ध हैं। महाराज जी भक्ति, करुणा और संयम को जीवन का आधार मानते हैं। हाल ही में दिए प्रवचन के दौरान उन्होंने भक्तों को तीन सबसे बड़ी बुराइयों से दूर रहने की सलाह...
नेशनल डेस्क: प्रेमानंद महाराज अपने सहज, सरल और दिल छू लेने वाले प्रवचनों के लिए देश भर में काफी प्रसिद्ध हैं। महाराज जी भक्ति, करुणा और संयम को जीवन का आधार मानते हैं। हाल ही में दिए प्रवचन के दौरान उन्होंने भक्तों को तीन सबसे बड़ी बुराइयों से दूर रहने की सलाह दी, जो मनुष्य के विवेक और चरित्र को नष्ट करती हैं।
1. शराब से तौबा करें
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जीवन को बेहतर बनाने के लिए मनुष्य को अपने व्यवहार और आदतों में पवित्रता और मर्यादा लानी ही होगी। उन्होंने सबसे पहले शराब को छोड़ने की सलाह दी। उन्होंने समझाया कि शराब मनुष्य की बुद्धि को भ्रमित कर देती है और उसके विवेक को नष्ट कर देती है। यह न केवल स्वास्थ्य बिगाड़ती है, बल्कि परिवार में तनाव, आर्थिक नुकसान और सामाजिक गिरावट भी लाती है। उन्होंने उन लोगों की तारीफ की जो शराब से दूर रहते हैं और दूसरों से भी इसे छोड़ने का संकल्प लेने की बात कही।

2. मांसाहार का त्याग करें
इसके बाद उन्होंने मांसाहार त्यागने की प्रेरणा देते हुए इसे सच्ची मानवता से जोड़ा। उन्होंने कहा कि किसी जीव की हत्या से बचना ही सच्ची मानवता है। शरीर को शक्ति देने के लिए मांस जरूरी नहीं है। व्यक्ति संयमित और सात्त्विक भोजन, अनुशासित जीवन से उससे अधिक ऊर्जा प्राप्त कर सकता है। उनके अनुसार जीव हत्या करके किया गया भोजन कभी भी पवित्रता का मार्ग नहीं बन सकता।
3. पराई स्त्री से दूर रहें
आखिर में, महाराज जी ने चरित्र और नैतिक मूल्यों की महत्ता समझाते हुए पराई स्त्री से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने मर्यादा और संयम पर जोर दिया। उनका मानना है कि यदि कोई व्यक्ति इन तीन बुराइयों शराब, मांसाहार और पराई स्त्री से खुद को दूर कर ले और ईश्वर का नाम जपता रहे, तो उसका जीवन निश्चित रूप से शांति, सुख और आध्यात्मिकता से भर जाएगा।