Edited By Shubham Anand,Updated: 23 Nov, 2025 09:00 PM

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के कारण पिछले तीन हफ्तों में 16 BLO की मौत हुई। राहुल ने चुनाव आयोग की कागजी प्रणाली पर तंज...
नेशनल डेस्क : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर जोरदार हमला बोला है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए उन्होंने SIR प्रक्रिया को “सोची-समझी चाल” और “लोकतंत्र की बलि” करार दिया। राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में दावा किया कि SIR के नाम पर पूरे देश में अफरा-तफरी मचाई जा रही है और इसके दुष्परिणाम अब सामने आने लगे हैं। उन्होंने लिखा, “पिछले लगभग तीन हफ्तों में इस प्रक्रिया के कारण 16 बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) की जान जा चुकी है।”
“चुनाव आयोग कागजों का जंगल खड़ा करने पर अड़ा”
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर तंज कसते हुए कहा कि ECI ने ऐसा सिस्टम बना दिया है जिसमें नागरिकों को खुद को खोजने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूचियों के हजारों स्कैन किए गए पन्ने पलटने पड़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “मकसद साफ है सही मतदाता थक-हारकर चुप हो जाए और वोट की चोरी बेरोकटोक जारी रहे।” कांग्रेस नेता ने आगे लिखा, “भारत दुनिया के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर बनाता है, लेकिन भारत का चुनाव आयोग आज भी कागजों का जंगल खड़ा करने पर अड़ा हुआ है।”
“नीयत साफ होती तो लिस्ट डिजिटल और सर्चेबल होती”
राहुल गांधी ने SIR को “सोची-समझी चाल” बताते हुए कहा कि अगर नीयत साफ होती तो मतदाता सूची डिजिटल, सर्चेबल और मशीन-रीडेबल फॉर्मेट में होती। उन्होंने कहा कि 30 दिन की जल्दबाजी में अंधाधुंध काम ठेलने के बजाय चुनाव आयोग उचित समय लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही पर ध्यान देता।
अंत में राहुल गांधी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “नागरिकों को परेशान करना और BLO पर अनावश्यक दबाव डालकर हो रही मौतों को ‘कॉलैटरल डैमेज’ मानकर अनदेखा करना – यह नाकामी नहीं, षड्यंत्र है। सत्ता की रक्षा में लोकतंत्र की बलि दी जा रही है।” राहुल गांधी का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और विपक्षी दलों ने भी SIR प्रक्रिया पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। चुनाव आयोग की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।