Railway News: जनरल डिब्बों की किल्लत खत्म! रेलवे ने जनरल डिब्बों को लेकर लिया बड़ा फैसला

Edited By Updated: 31 Jul, 2025 05:03 PM

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अगर आप ट्रेन में जनरल टिकट लेकर घंटों खड़े रहकर सफर करने को मजबूर होते हैं, तो यह खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। केंद्र सरकार ने आम यात्रियों को राहत देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब जनरल और नॉन-एसी स्लीपर कोचों की संख्या ट्रेनों में और...

नेशनल डेस्क:  अगर आप ट्रेन में जनरल टिकट लेकर घंटों खड़े रहकर सफर करने को मजबूर होते हैं, तो यह खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। केंद्र सरकार ने आम यात्रियों को राहत देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब जनरल और नॉन-एसी स्लीपर कोचों की संख्या ट्रेनों में और ज्यादा देखने को मिलेगी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि रेलवे ने ट्रेनों में बिना एसी वाले कोचों की संख्या में भारी इजाफा किया है। आज की तारीख में 70% से ज्यादा कोच नॉन-एसी हैं। यही नहीं, आने वाले 5 वर्षों में 17,000 अतिरिक्त जनरल और स्लीपर श्रेणी के कोच तैयार करने के लिए एक विशेष मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम शुरू किया गया है।

जनरल डिब्बों की संख्या में बंपर बढ़ोतरी
बीते साल यानी 2024-25 के दौरान भारतीय रेलवे ने लंबी दूरी की ट्रेनों में करीब 1,250 नए जनरल कोच जोड़े हैं। इससे खासतौर पर उन लोगों को फायदा मिलेगा, जो कम बजट में सफर करना चाहते हैं।

रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे गरीब, निम्न मध्यम वर्ग और आम नागरिकों को ध्यान में रखते हुए लगातार ऐसी ट्रेनों की संख्या बढ़ा रहा है जिनमें किराया किफायती हो और सफर आरामदायक। इसी सोच के तहत "अमृत भारत ट्रेन" और "नमो भारत रैपिड रेल" जैसी परियोजनाओं में भी बिना एसी वाले डिब्बे शामिल किए गए हैं।

यात्रियों की संख्या में भी जबरदस्त बढ़ोतरी
रेल मंत्रालय के मुताबिक, जनरल डिब्बों की उपलब्धता में सुधार के चलते उनमें यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है।

2022-23 में: 553 करोड़ यात्रियों ने सफर किया
2023-24 में: 609 करोड़ यात्रियों ने जनरल डिब्बों का इस्तेमाल किया
2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 651 करोड़ तक पहुंच गया है।

अब हर ट्रेन में होंगे ज्यादा नॉन-एसी डिब्बे
वर्तमान में ट्रेनों में कुल 54 लाख नॉन-एसी सीटें उपलब्ध हैं, जो कुल बर्थों का 78% हैं। वहीं, एसी सीटों की हिस्सेदारी केवल 22% है। ट्रेनों में आम तौर पर 22 डिब्बे होते हैं। रेल मंत्री के अनुसार, अब इनमें से करीब 12 कोच जनरल और स्लीपर नॉन-एसी होंगे, जबकि एसी कोचों की संख्या लगभग 8 रहेगी।

अमृत भारत ट्रेनों में भी अब सिर्फ नॉन-एसी कोच
रेलवे ने खासतौर पर ऐसी अमृत भारत ट्रेनों की शुरुआत की है जिनमें एसी कोच नहीं होते। एक आम अमृत भारत ट्रेन में आपको मिलेंगे:

11 जनरल कोच
8 स्लीपर कोच
1 पेंट्रीकार

2 सेकंड क्लास/लगेज और गार्ड डिब्बे जो दिव्यांगजनों के अनुकूल भी हैं।

नतीजा क्या होगा?
इस बदलाव से आम जनता को राहत तो मिलेगी ही, साथ ही देशभर में बिना आरक्षण वाले यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करना भी आसान होगा। ट्रेनों में भीड़भाड़ कम होगी, यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए सस्ती और सुगम व्यवस्था मिलेगी, और इससे रेलवे की छवि भी आम जनता के बीच बेहतर बनेगी।

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