Edited By Anu Malhotra,Updated: 04 Dec, 2021 04:40 PM

भारत ने पिछले सात वर्षों में 38 हजार करोड़ से अधिक के रक्षा सामानों का निर्यात किया है और देश जल्द ही शुद्ध निर्यातक बन जाएगा। यह जानकारी शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी।
नई दिल्ली: भारत ने पिछले सात वर्षों में 38 हजार करोड़ से अधिक के रक्षा सामानों का निर्यात किया है और देश जल्द ही शुद्ध निर्यातक बन जाएगा। यह जानकारी शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी।
उन्होंने सोसायटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) के एमएसएमई सम्मेलन में कहा कि हमारा एयरोस्पेस एवं रक्षा का करीब 85 हजार करोड़ रुपये का उद्योग है। इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़कर 18 हजार करोड़ हो गई है। सिंह ने एमएसएमई से अनुसंधान एवं विकास में ज्यादा निवेश करने की अपील की क्योंकि इससे देश की सुरक्षा स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आप को नई तकनीक, नए उत्पाद लाने चाहिए। आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि आपके छोटे उद्योग के कारण आप बड़े अनुसंधान नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि सरकार की पहल के बाद करीब 12 हजार एमएसएमई रक्षा उद्योग से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की पहल के कारण पिछले सात वर्षों में भारत से रक्षा निर्यात 38 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। सिंह ने कहा कि इन पहल के कारण रक्षा उद्योग में अनुसंधान, शोध और विकास और काफी संख्या में स्टार्टअप बढ़ गए हैं। निर्यात को बढ़ावा देने पर सरकार के ध्यान देने की बात दोहराते हुए मंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत जल्द ही शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2024-25 तक 35 हजार करोड़ का निर्यात लक्ष्य हासिल करना है। वर्तमान में भारत करीब सात देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत रक्षा निर्यात में शीर्ष 25 देशों में शामिल है। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने सरकार के आत्मनिर्भर पहल का पूरी तरह समर्थन किया है।