Edited By Radhika,Updated: 01 Oct, 2025 11:08 AM

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कई सकारात्मक संकेत दिए हैं, लेकिन आपकी लोन EMI पर फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा।
नेशनल डेस्क: रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कई सकारात्मक संकेत दिए हैं, लेकिन आपकी लोन EMI पर फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा।
EMI पर नहीं पड़ेगा असर-
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि रेपो रेट को इस बार भी 5.5% पर बरकरार रखा गया है। लगातार दूसरी बार (अगस्त के बाद अक्टूबर में) ब्याज दरों को स्थिर रखने का यह फैसला हुआ है।
- आपके लिए इसका क्या मतलब है: रेपो रेट में बदलाव न होने से आपके होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन की EMI पर कोई तत्काल असर नहीं पड़ेगा।
- MPC के सभी 6 सदस्यों ने रेपो रेट को यथावत रखने पर सहमति जताई।
- रेपो रेट के साथ ही SDF रेट 5.25% और MSF रेट 5.75% पर भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ा
रेपो रेट को स्थिर रखने के बावजूद RBI ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है।
- बढ़ा ग्रोथ अनुमान: वित्तीय वर्ष 2026 (FY26) के लिए GDP ग्रोथ के अनुमान को 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया गया है।
- क्यों बढ़ी रफ्तार: गवर्नर ने बताया कि यह बदलाव देश में घरेलू मांग में बढ़ोतरी, निवेश में निरंतर वृद्धि और स्थिर आर्थिक माहौल के कारण किया गया है।
- तिमाही अनुमान: FY26 की दूसरी तिमाही (Q2) के लिए ग्रोथ अनुमान को 6.7% से बढ़ाकर 7% किया गया है। तीसरी (Q3) और चौथी तिमाही (Q4) के अनुमान में थोड़ी कटौती की गई है।

महंगाई से मिलेगी बड़ी राहत
RBI ने महंगाई दर यानि Retail Inflation को लेकर भी राहत भरी खबर दी है।
- महंगाई का घटा अनुमान: FY26 के लिए खुदरा महंगाई के अनुमान को 3.1% से घटाकर 2.6% कर दिया गया है।
- GST का असर: RBI का मानना है कि देश में लागू किए गए GST सुधारों से महंगाई पर सकारात्मक असर पड़ेगा और यह कम होगी।
- आगे की उम्मीद: अगले वित्तीय वर्ष (FY27) की पहली तिमाही (Q1) के लिए भी महंगाई का अनुमान 4.9% से घटाकर 4.5% किया गया है, जो महंगाई के नरम रहने का संकेत है।
रुपये पर RBI की पैनी नज़र
भारतीय करेंसी रुपये पर बढ़ते दबाव को लेकर RBI गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक लगातार स्थिति पर निगरानी रख रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जरूरत पड़ने पर विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करने से RBI पीछे नहीं हटेगा।
आसान भाषा में समझें रेपो रेट
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर रिजर्व बैंक (RBI) देश के दूसरे बैंकों को पैसा उधार देता है। यह सीधे तौर पर आपके और हमारे लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करता है।
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सीधा संबंध: जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों को सस्ता कर्ज मिलता है और वे ग्राहकों के लिए होम लोन आदि की ब्याज दरें घटा देते हैं (यानी EMI घट जाती है)।
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जब RBI रेपो रेट बढ़ाता है, तो बैंक भी ग्राहकों के लिए लोन की ब्याज दरें बढ़ा देते हैं (यानी EMI बढ़ जाती है)।
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इस बार इसे स्थिर रखा गया है, इसलिए आपकी EMI में कोई बदलाव नहीं होगा।