Edited By Mehak,Updated: 24 Sep, 2025 05:43 PM

नवरात्रि के व्रत में कुट्टू के आटे का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है, लेकिन दिल्ली में मिलावटी कुट्टू के आटे के कई मामले सामने आए हैं। मिलावटी आटे में सिंघाड़ा, मैदा या अखरोट मिलाए जाते हैं, जिससे पेट दर्द, उल्टी और गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। असली...
नेशनल डेस्क : नवरात्रि के दिनों में कुट्टू के आटे की डिमांड सबसे ज्यादा होती है। पूरी, पकौड़ी और चिला बनाने में इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसी मांग का फायदा उठाकर कई जगह मिलावटी कुट्टू का आटा बेचा जा रहा है। दिल्ली से ताजा मामला सामने आया है, जहां मिलावटी आटा खाने से कई लोग बीमार हो गए थे और अस्पताल पहुंच गए थे।
दरअसल, त्योहार के सीजन में मुनाफा कमाने के लिए कुछ दुकानदार असली कुट्टू के आटे में सिंघाड़ा, अखरोट या मैदा जैसे सस्ते आटे मिला देते हैं। यह देखने में बिल्कुल असली जैसा लगता है, लेकिन इसका असर सीधा सेहत पर पड़ता है। डॉक्टरों का कहना है कि मिलावटी आटा खाने से पेट दर्द, उल्टी, गैस और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कैसे करें पहचान असली और नकली कुट्टू के आटे की?
1. महक से पहचानें: असली आटे में हल्की मिट्टी या अनार दानों जैसी महक आती है, जबकि नकली आटे से अक्सर बांसी गंध आती है।
2. बनावट और छूकर देखें: असली आटा दानेदार और खुरदरा होता है। उंगलियों से रगड़ने पर इसमें दरदरी बनावट महसूस होगी, जबकि नकली आटा बहुत महीन और पाउडर जैसा मुलायम होता है।
3. रंग से पहचानें: असली कुट्टू का आटा हल्का भूरा होता है। दूध जैसा सफेद या चमकीला आटा मिलावटी हो सकता है।
4. पानी टेस्ट करें: पानी में डालने पर असली आटा ऊपर तैरता है और धीरे-धीरे घुलता है, जबकि नकली आटा तुरंत नीचे बैठ जाता है या गुठलियां बनाता है।
5. पकने के बाद पहचानें: असली आटे से बनी पूरी या पकोड़ी हल्की मीठी और लंबे समय तक पेट भरने वाली होती है। नकली आटे से बने पकवान बेस्वाद और जल्दी खराब हो जाते हैं।
6. पैकिंग जांचें: हमेशा पैकेट पर FSSAI मार्क, कंपनी का नाम, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जरूर देखें। बिना लेबल वाले या खुले में बिक रहे आटे से बचें।