Edited By Mehak,Updated: 01 Oct, 2025 03:32 PM

जब भगवान का भोग बनाते समय उसमें मक्खी, मच्छर या बाल गिर जाए, तो उसे नया भोग बनाना चाहिए। वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज के अनुसार, भोग बनाना केवल खाना नहीं बल्कि एक साधना है। भोग में शुद्धता और पवित्रता होना जरूरी है। संत ने भक्तों को सलाह दी कि...
नेशनल डेस्क : जब भी हम भगवान को भोग चढ़ाते हैं, तो सिर्फ खाना बनाना ही पर्याप्त नहीं होता। भोग तैयार करना एक तरह की साधना भी है। इसे बनाते समय सिर्फ सामग्री ही नहीं, बल्कि हमारी भगवान के प्रति श्रद्धा भी उसमें मिलती है। इसलिए भोग बनाते समय शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।
भोग में मक्खी या मच्छर गिर जाए तो क्या करें
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने पूछा कि भोग बनाते समय अगर उसमें मक्खी, मच्छर या बाल गिर जाए तो क्या करना चाहिए। संत ने स्पष्ट किया कि भगवान को चढ़ाया जाने वाला भोग साफ और पवित्र होना चाहिए। अगर भोग में कोई अशुद्धता आती है, तो वह भगवान के लिए उपयुक्त नहीं रहता। ऐसी स्थिति में नया भोग बनाना चाहिए।
भोग बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें
प्रेमानंद महाराज ने भोग बनाते समय कुछ महत्वपूर्ण उपाय बताए:
- बालों को अच्छे से बांधें – ढीले बाल भोग में गिर सकते हैं।
- भोजन बनाने की जगह पूरी तरह साफ होनी चाहिए – मक्खी या मच्छर न आएं।
- पूर्ण एकाग्रता से खाना बनाएं – ज्यादा बातचीत या शोर-शराबा ध्यान भटका सकता है।
संत के अनुसार, भोग बनाते समय अगर ध्यान नहीं रखा गया, तो शुद्धता बिगड़ सकती है और भगवान को पूर्ण भोग नहीं चढ़ाया जा सकता।
भोग में शुद्धता और ईमानदारी होना चाहिए
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि भोग में झूठापन, अशुद्धता या गंदगी नहीं होनी चाहिए। पूरी साफ-सफाई और ईमानदारी से बनाया भोग भगवान को प्रसन्न करता है और हमारे पापों को भी धो देता है। साफ-सुथरा भोग हमारी बुद्धि और मन को शांति देता है। इसलिए जो भी भोग बनाता है, उसे यह ध्यान रखना चाहिए कि उसमें कोई अशुद्धता न आए, तभी भगवान का भोग सफल माना जाता है और हमें उनकी दया और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।