Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Nov, 2017 12:17 AM

सुप्रीम कोर्ट ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय व एयर इंडिया को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है
नई दिल्लीः एक किन्नर ने लिंग आधारित भेदभाव का मामला उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एयर इंडिया ने किन्नर होने के कारण उसे केबिन क्रू की नौकरी पर नहीं रखा था, जिसके खिलाफ वह कोर्ट पहुंची है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिका पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय व एयर इंडिया को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ ने तमिलनाडु में जन्मी याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया। याचिका में लिंग आधारित भेदभाव का मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि उसने अपने सपने साकार करने के लिए 13 महीने एयर लाइन सेक्टर में काम किया है जिसमें एयर इंडिया के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कस्टमर सपोर्ट में भी काम किया है। याचिका में कहा गया है कि एयर इंडिया ने केबिन क्रू के लिए रिक्तियां निकाली थी जिसमें निश्चित समय के लिए नौकरी थी। उसने महिलाओं की श्रेणी में आवेदन किया क्योंकि वह लड़की होने का सफल आपरेशन करा चुकी थी।
उसे आवेदन करने के बाद एयर इंडिया की ओर से काल लेटर आया जिस पर उसने ग्रुप डिसकसन और पीएटी टेस्ट दिया लेकिन दुर्भाग्य से उसका चयन नहीं हुआ। याचिका में आरोप लगाया गया है कि किन्नर होने के कारण उसका चयन नहीं हुआ क्योंकि रिक्तियां सिर्फ महिलाओं के लिए निकली थीं। उसका कहना है कि उसने इस बारे मे प्रधान मंत्री कार्यालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में ज्ञापन दिया लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली।