Edited By Radhika,Updated: 04 Aug, 2025 12:15 PM

हिंदू धर्मगुरु शंकराचार्य ने भारत में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक 'रामधाम' बनाने की मांग की है। उनके अनुसार इस 'रामधाम' का मतलब 100 गायों की क्षमता वाली गौशाला होनी चाहिए। यह मांग उन्होंने हाल ही में हुई एक धर्म संसद के दौरान रखी, जहां कई...
नेशनल डेस्क: हिंदू धर्मगुरु शंकराचार्य ने भारत में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक 'रामधाम' बनाने की मांग की है। उनके अनुसार इस 'रामधाम' का मतलब 100 गायों की क्षमता वाली गौशाला होनी चाहिए। यह मांग उन्होंने हाल ही में हुई एक धर्म संसद के दौरान रखी, जहां कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
गाय को 'राष्ट्रमाता' घोषित करने की मांग का समर्थन
शंकराचार्य ने बताया कि धर्म संसद में होशंगाबाद के सांसद दर्शन सिंह चौधरी के समर्थन में एक बधाई प्रस्ताव पारित किया गया है। सांसद चौधरी ने मांग की है कि गाय को 'राष्ट्रमाता' घोषित किया जाना चाहिए, जिसका शंकराचार्य और धर्म संसद ने पूरी तरह से समर्थन किया है। यह मुद्दा लंबे समय से हिंदू संगठनों द्वारा उठाया जा रहा है और अब इसे एक बड़े धार्मिक मंच से भी समर्थन मिल गया है।

भाषा विवाद और हिंदी की स्थिति पर शंकराचार्य के विचार
भाषा विवाद पर भी शंकराचार्य ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हिंदी को पहली बार प्रशासनिक उपयोग के लिए मान्यता दी गई थी। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मराठी भाषी राज्य का गठन 1960 में हुआ था और मराठी को बाद में आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता मिली। शंकराचार्य ने तर्क दिया कि हिंदी कई बोलियों का प्रतिनिधित्व करती है और यही बात मराठी पर भी लागू होती है, जिसने अपनी ही बोलियों से कई शब्द और भाषा उधार ली है। उनका कहना था कि भाषाओं के बीच के विवाद को सुलझाने के लिए भाषाई इतिहास को समझना ज़रूरी है।
हिंसा को आपराधिक कृत्य और मालेगांव विस्फोट पर न्याय की मांग
शंकराचार्य ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी तरह की हिंसा को आपराधिक कृत्य माना जाना चाहिए। उन्होंने समाज में बढ़ती हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताई और सभी से शांति और अहिंसा का पालन करने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने मालेगांव विस्फोट मामले में न्याय की मांग करते हुए कहा कि इस घटना के असली दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर ज़ोर दिया।