मोदी की विश्वासघात वाली टिप्पणी पर शिवसेना का पलटवार, कहा- बीजेपी ने अपना असली रंग दिखाया

Edited By rajesh kumar,Updated: 10 Aug, 2022 09:15 PM

shiv sena spoke on sushil kumar modi s betrayal remark

उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को ‘तोड़ने' की बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की टिप्पणी पर शिवसेना ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना असली रंग दिखाया है।

नेशनल डेस्क: उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को ‘तोड़ने' की बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की टिप्पणी पर शिवसेना ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना असली रंग दिखाया है। वहीं भाजपा ने इससे इनकार किया है कि शिवसेना में बगावत उसके इशारे पर की गई थी। महाराष्ट्र विधान परिषद में मंगलवार को विपक्ष के नेता नियुक्त किए गए शिवसेना नेता अंबादास दानवे ने कहा कि भाजपा की रणनीति है कि पहले पार्टी के साथ गठबंधन करो और फिर उसे कमजोर करो।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा का साथ छोड़ने के बाद सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा था कि भाजपा सिर्फ उन्हें ‘तोड़ती' है, जो उनके साथ (भाजपा) विश्वासघात करते हैं। भाजपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया और उसने परिमाण भुगते। शिवसेना प्रवक्ता अरविंद सावंत ने पूछा कि क्या उस बैठक में सुशील कुमार मोदी मौजूद थे, जिसमें तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से वादा किया था कि राज्य का मुख्यमंत्री पद बारी-बारी से दोनों दलों के पास रहेगा।

इस बीच भाजपा नेता आशीष शेलार ने बुधवार को साफ किया कि शिवसेना में एकनाथ शिंदे की बगावत में उनकी पार्टी का कोई हाथ नहीं है। शेलार ने मुंबई पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि शिंदे ने शिवसेना नेतृत्व के साथ ‘वैचारिक मतभेद' की वजह से बगावत की थी। पूर्व मंत्री शेलार ने कहा, “भाजपा ने इसकी (विद्रोह की) योजना नहीं बनाई थी। सुशील कुमार मोदी का मतलब यह था कि वह जानना चाहते थे कि बालासाहेब ठाकरे द्वारा परिकल्पित हिंदुत्व की रक्षा और संरक्षण के लिए शिंदे को शिवसेना क्यों छोड़नी पड़ी।”

सुशील कुमार मोदी ने कहा था, “भाजपा ने अपने किसी सहयोगी के साथ कभी विश्वासघात नहीं किया। हमने उन्हें तोड़ा है जिन्होंने हमें धोखा दिया...महाराष्ट्र में शिवसेना है जो भाजपा के साथ गठबंधन में थी। और जब शिवसेना ने हमें धोखा दिया तो नतीजा क्या हुआ?” महाराष्ट्र में शिंदे ने शिवसेना में बगावत कर दी थी और पार्टी के 55 में से 40 विधायक उनके साथ हो गए थे। इसके बाद ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार गिर गई थी। इसके बाद शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस ने उपमुख्यमंत्री की शपथ ली थी।

 

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