Edited By Parveen Kumar,Updated: 29 Aug, 2025 12:30 AM

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने वैष्णो देवी यात्रा में हुई मौतों पर मीडिया रिपोर्टों को झूठा बताया है। बोर्ड ने कहा कि उन्होंने मौसम बिगड़ने पर यात्रा रोक दी थी। हादसा पुराने ट्रैक पर हुआ, जहां भूस्खलन का खतरा नहीं था। यह एक अप्रत्याशित बादल...
नेशनल डेस्क: कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने खराब मौसम के बावजूद यात्रा जारी रखी, जिससे तीर्थयात्रियों की जान खतरे में पड़ी। इन आरोपों पर सफाई देते हुए श्राइन बोर्ड ने 26 अगस्त को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर दुख जताया और आरोपों को 'झूठा और निराधार' बताया है।
मौसम बिगड़ने पर तुरंत रोकी गई थी यात्रा
बोर्ड ने कहा कि 26 अगस्त की सुबह लगभग 10 बजे तक मौसम बिल्कुल साफ था और यात्रा सामान्य रूप से चल रही थी। जैसे ही हल्के बारिश का अनुमान मिला, पंजीकरण तुरंत रोक दिए गए। बोर्ड ने यह भी बताया कि भूस्खलन के खतरे के कारण नया ट्रैक पहले ही 24 अगस्त से बंद कर दिया गया था। यात्रा पुराने ट्रैक पर हो रही थी, जिसे आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है। 26 अगस्त को दोपहर 12 बजे तक इस ट्रैक पर भी यात्रा रोक दी गई थी।
'यह एक अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा थी'
श्राइन बोर्ड के अनुसार, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना पुराने ट्रैक पर इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुई, जो आमतौर पर सबसे सुरक्षित जगहों में से एक है। दोपहर 2:40 बजे अचानक बादल फटने से भारी भूस्खलन हुआ। बोर्ड ने इसे 'अप्रत्याशित' और 'मानवीय नियंत्रण से परे' बताया, क्योंकि इस जगह पर पहले कभी ऐसी घटना नहीं हुई थी।
बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया
घटना के तुरंत बाद, श्राइन बोर्ड के आपदा प्रबंधन दल ने जिला प्रशासन, पुलिस, सेना और एनडीआरएफ के साथ मिलकर बचाव अभियान चलाया। 18 घायल तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। बोर्ड ने कहा कि उन्होंने पहले से ही सुरक्षा के लिए कई इंतजाम किए थे, जिसमें ढलान को मजबूत करना और शेड बनाना शामिल है। बोर्ड ने फिर से दोहराया है कि हर तरह की सावधानी बरती गई थी, लेकिन यह एक ऐसी घटना थी जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।