जब अंतरिक्ष में शारीरिक संबंध नहीं बनाते तो कंडोम पहनकर क्यों जाते हैं एस्ट्रोनॉट्स? खुल गया राज

Edited By Updated: 01 Jul, 2025 01:50 PM

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अंतरिक्ष की बात सुनते ही हम अक्सर हाई-टेक स्पेस सूट और तैरते हुए एस्ट्रोनॉट्स के बारे में सोचते हैं, लेकिन वहां जीवन का हर पहलू धरती से बिलकुल अलग होता है। इनमें से एक बेहद अनोखी और शायद हैरान कर देने वाली बात है कि अंतरिक्ष में पेशाब करने के लिए...

नेशनल डेस्क: अंतरिक्ष की बात सुनते ही हम अक्सर हाई-टेक स्पेस सूट और तैरते हुए एस्ट्रोनॉट्स के बारे में सोचते हैं, लेकिन वहां जीवन का हर पहलू धरती से बिलकुल अलग होता है। गुरुत्वाकर्षण के अभाव में न सिर्फ चलना-फिरना, बल्कि खाना-पीना और सोना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में अंतरिक्ष यात्रियों की रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं। इनमें से एक बेहद अनोखी और शायद हैरान कर देने वाली बात है कि अंतरिक्ष में पेशाब करने के लिए एस्ट्रोनॉट्स कंडोम जैसे उपकरण का इस्तेमाल करते हैं। आइए जानते हैं इस रहस्यमय डिवाइस के पीछे की पूरी कहानी।

क्यों होता था कंडोम जैसा उपकरण इस्तेमाल?
जब हम अंतरिक्ष में पेशाब करने की बात करते हैं, तो सवाल उठता है कि बिना गुरुत्वाकर्षण के यह काम कैसे संभव होता है। धरती पर तो यह बेहद आसान है, लेकिन माइक्रोग्रैविटी की स्थिति में पेशाब को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसी समस्या का समाधान करने के लिए NASA के पूर्व एस्ट्रोनॉट रस्टी श्वाइकार्ट ने बताया कि पहले के समय में एस्ट्रोनॉट्स एक खास कंडोम जैसी डिवाइस का इस्तेमाल करते थे। इसे अपने पिनस पर लगाया जाता था और यह एक ट्यूब से जुड़ा होता था, जो पेशाब को एकत्र कर लेता था।

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कंडोम डिवाइस का काम और उसकी समस्याएं

यह डिवाइस माइक्रोग्रैविटी में पेशाब को इकट्ठा करने का काम करती थी, लेकिन इसे लेकर कई दिक्कतें थीं। सबसे बड़ी समस्या यह थी कि सभी पुरुषों का शरीर आकार और बनावट में अलग-अलग होता है, इसलिए कंडोम सही फिट नहीं होता था। कई बार यह लीक हो जाता था जिससे बहुत असुविधा होती थी। बाद में NASA ने इसे तीन अलग-अलग साइज में उपलब्ध कराया — छोटा, मीडियम और बड़ा। लेकिन जब एस्ट्रोनॉट्स को साइज चुनने का मौका मिला तो ज्यादातर बड़े साइज को चुनते थे, जिसे ‘पुरुष अहं’ से जोड़ा गया।

सिस्टम में बदलाव और सुधार
इस ‘पुरुष अहं’ के कारण NASA ने साइज के नाम बदल दिए ताकि किसी को शर्मिंदगी न हो। छोटा साइज को ‘लार्ज’, मीडियम को ‘एक्स्ट्रा लार्ज’ और बड़े साइज को ‘हीरो’ नाम दिया गया। आज के समय में यह सिस्टम काफी उन्नत हो चुका है। मॉडर्न स्पेसशिप में यूनिसेक्स सूट और उपकरण इस्तेमाल होते हैं जो पुरुष और महिला दोनों एस्ट्रोनॉट्स के लिए उपयुक्त होते हैं।

अंतरिक्ष में हर काम की होती है खास तैयारी
अंतरिक्ष में जीवन के हर पहलू को लेकर बारीकी से योजना बनाई जाती है। यहां तक कि पेशाब जैसी सामान्य चीज भी बिना गुरुत्वाकर्षण के नियंत्रित करने के लिए विशेष उपकरणों का इस्तेमाल होता है। यह दिखाता है कि अंतरिक्ष में जीवित रहना और काम करना कितना जटिल और चुनौतीपूर्ण होता है, और हर छोटी-बड़ी समस्या का समाधान विज्ञान और तकनीक के माध्यम से खोजा जाता है।

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