Edited By rajesh kumar,Updated: 26 Jan, 2023 08:47 PM
भारतीय तारा भौतिकी संस्थान (आईआईए) ने बृहस्पतिवार को इसरो को ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ' (वीईएलसी) सौंप दिया, जिसे सूर्य के अध्ययन के लिए देश के प्रथम विशेष वैज्ञानिक अभियान ‘आदित्य एल1' के जरिये अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
नेशनल डेस्क: भारतीय तारा भौतिकी संस्थान (आईआईए) ने बृहस्पतिवार को इसरो को ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ' (वीईएलसी) सौंप दिया, जिसे सूर्य के अध्ययन के लिए देश के प्रथम विशेष वैज्ञानिक अभियान ‘आदित्य एल1' के जरिये अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। आदित्य एल1 के जरिये भेजा जाने वाला यह सबसे बड़ा उपकरण है। आदित्य एल1 मिशन जून या जुलाई में प्रस्तावित है।
वीईएलसी को औपचारिक रूप से इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ को आईआईए के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अनुसंधान व प्रौद्योगिकी केंद्र (सीआरईएसटी) परिसर में बृहस्पतिवार को सौंप दिया गया। आईआईए ने कहा कि इसने वीईएलसी की जांच सफलतापूर्व पूरी कर ली है। इसने एक बयान में कहा कि इसरो वीईएलसी की आगे की जांच करेगा और इसे आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान के साथ जोड़ा जाएगा।
वीईएलसी टीम को बधाई देते हुए सोमनाथ ने कहा कि आदित्य एल-1 को जून या जुलाई में प्रक्षेपित किये जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘पृथ्वी पर और इसके आसपास सूर्य के प्रभाव को समझना अब बहुत जरूरी हो गया है तथा आदित्य एल1 का लक्ष्य इस विषय पर प्रकाश डालना है।'' आदित्य एल1 सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैगरेंगियन प्वाइंट1' के पास स्थित एक कक्षा से सूर्य का अध्ययन करने का भारत का प्रथम अंतरिक्ष मिशन है।