Edited By Tanuja,Updated: 29 Jan, 2023 02:21 PM

पाकिस्तान जो जम्मू-कश्मीर को भारत से छीनना चाहता था, वह गहरे आर्थिक संकट में फंस गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी...
इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान जो जम्मू-कश्मीर को भारत से छीनना चाहता था, वह गहरे आर्थिक संकट में फंस गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर गिर गया है, दवाओं का स्टॉक समाप्त होने के कगार पर है, गेहूं की कीमतें आसमान छू गई हैं और नकदी के भंडार समाप्त हो गए हैं। यहां तक कि पेट्रोल और डीजल भी सूखने वाले हैं। इसे सबसे बड़ी विडंबना कहा जा सकता है कि भुखमरी व दिवालिएपन की कगार पर खड़ा पाकिस्तान अब भी भारत से कश्मीर छीनने का सपना देख रहा है और वैश्विक मंचों पर इसकी दुहाई दे रहा है।
रिपोर्ट के अनुसारपाकिस्तान अपने पिछवाड़े में आतंक पैदा करने की भारी कीमत चुका रहा है और दिवालिएपन की ओर देख रहा है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी अपने पैर खींच लिए हैं। पिछले तीन दशकों से पड़ोसी देश जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को भेजकर भारत के साथ छद्म युद्ध लड़ रहा है। पाकिस्तान के निर्माण के बजाय, इसके शासक कश्मीर को हड़पने के बारे में दिवास्वप्न देख रहे हैं। उन्होंने पारंपरिक युद्ध लड़कर कश्मीर लेने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना के कौशल और विशेषज्ञता का मुकाबला नहीं कर सकी और हार गई।
रिपोर्ट के अनुसार अगर पाकिस्तान आतंकवाद और कश्मीर से अपना जुनून नहीं छोड़ता है, तो उसे दिवालिया होने से कोई नहीं बचा सकता है। इसके शासकों को यह समझने की जरूरत है कि पाकिस्तान ढह रहा है और दुनिया को उस देश की मदद करने में कोई दिलचस्पी नहीं है जो हिंसा का समर्थन करता है और अपने पिछवाड़े में आतंकवाद को जन्म देता है। पाकिस्तान अपने दुस्साहस की भारी कीमत चुका रहा है और अगर वह अतीत में की गई गलतियों को सुधारने में विफल रहता है, तो देश एक बड़ी गड़बड़ी में समाप्त हो सकता है, जहां से कोई भी उसे बाहर निकालने में सक्षम नहीं होगा।