Edited By Anil dev,Updated: 05 Sep, 2019 10:27 AM
आज के दिन यानि 5 सितंबर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाएगा। यह दिन टीचर्स को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। देश-भर में इस दिन स्टूडेंट अपने टीचर्स को गिफ्ट देकर उनका आभार व्यक्त करते हैं। यह दिन शिक्षक और शिष्यों के बीच प्यार और सम्मान का...
नई दिल्लीः आज के दिन यानि 5 सितंबर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाएगा। यह दिन टीचर्स को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। देश-भर में इस दिन स्टूडेंट अपने टीचर्स को गिफ्ट देकर उनका आभार व्यक्त करते हैं। यह दिन शिक्षक और शिष्यों के बीच प्यार और सम्मान का दिन होता है। मगर यह हमेशा से मनाया जाने वाला कोई पर्व नहीं है तो फिर आपने कभी सोचा है कि आखिर इस दिन को क्यों सेलिब्रेट किया जाता है। आइए, जानते हैं आखिर क्या शिक्षक दिवस का इतिहास–
क्यों मनाते हैं शिक्षक दिवस?
5 सितंबर को देश के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस होता है। उनका नाम महान दार्शनिकों तथा शिक्षाविदों में लिया जाता है। एक बार उनके कुछ शिष्यों ने उनका जन्मदिन मनाने की सोची और जब वह उनसे इस बारे में पूछने गए तो उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके जन्मदिन को अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो वह बहुत गर्व महसूस करेंगे। तभी पहली बार 1962 में उनके जन्मदिन पर शिक्षक दिवस मनाया गया था।
शिक्षक दिवस का महत्व
पहले का समय हो या आज का मार्डन जमाना, गुरू की शिक्षा के महत्व को सबसे ऊपर रखा जाता है। शिक्षक न सिर्फ बच्चे को लिखना-पढ़ना सिखाते हैं बल्कि वह बच्चे में नैतिक मूल्यों को डालकर उसके भविष्य की रचना भी करते हैं। ऐसे में शिक्षक दिवस पर उनके द्वारा बच्चों को दी गई इसी अमूल्य भेंट का आभार व्यक्त करना तो बनता है।