Edited By Pardeep,Updated: 23 Nov, 2025 05:26 AM

बिहार के पूर्वी चंपारण (चकिया) में बन रहे विराट रामायण मंदिर के लिए एक बड़ा कदम पूरा हो गया है। दुनिया के सबसे बड़े शिवलिंगों में शामिल यह विशाल शिवलिंग अब तमिलनाडु के महाबलीपुरम से बिहार के लिए रवाना हो चुका है। यह शिवलिंग पिछले 10 वर्षों से तैयार...
नेशनल डेस्कः बिहार के पूर्वी चंपारण (चकिया) में बन रहे विराट रामायण मंदिर के लिए एक बड़ा कदम पूरा हो गया है। दुनिया के सबसे बड़े शिवलिंगों में शामिल यह विशाल शिवलिंग अब तमिलनाडु के महाबलीपुरम से बिहार के लिए रवाना हो चुका है। यह शिवलिंग पिछले 10 वर्षों से तैयार किया जा रहा था।
33 फीट ऊंचा व 210 टन वजनी शिवलिंग
शिवलिंग का आकार और वजन चौंकाने वाला है—
इस महाशिवलिंग को 96 चक्कों वाले विशेष ट्रांसपोर्टर ट्रक पर लादकर बिहार भेजा जा रहा है। ऐसे भारी धार्मिक ढांचों को सड़क मार्ग से ले जाना अपने आप में एक बड़ा इंजीनियरिंग कार्य है।
पूजा-अर्चना के बाद किया गया रवाना
शिवलिंग को भेजने से पहले, महाबलीपुरम के पट्टीकाडु गांव में पारंपरिक वैदिक विधि-विधान से पूजा की गई। स्थानीय लोगों ने इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनकर शिवलिंग को विदाई दी।
20–25 दिन का लंबा सफर — कई शहरों में होंगे दर्शन
शिवलिंग का बिहार तक सफर लगभग 20–25 दिनों का होगा। यात्रा मार्ग इस प्रकार है:
महाबलीपुरम → होसुर → होसाकोट → देवनाहाली → कुरनूल → हैदराबाद → निजामाबाद → अदिलाबाद → नागपुर → सीवनी → जबलपुर → मैहर → सतना → रीवा → मिर्जापुर → आरा → छपरा → मसरख → मोहम्मदपुर → केसरिया → चकिया (मोतिहारी)
रास्ते में कई शहरों में लोग इस विशाल शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे।
विराट रामायण मंदिर—भारत का नया गौरव
चकिया में बन रहा विराट रामायण मंदिर अपनी भव्यता के लिए खास है:
मंदिर के प्रवेश द्वार, सिंह द्वार, गणेश स्थल, नंदी और गर्भगृह की पाइलिंग जैसे महत्वपूर्ण निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं। मंदिर निर्माण कार्य महावीर मंदिर ट्रस्ट द्वारा कराया जा रहा है।
2026 में स्थापना का लक्ष्य
निर्माण कंपनी के संस्थापक विनायक वेंकटरमण के अनुसार फरवरी 2026 तक इस भव्य शिवलिंग को मंदिर परिसर में स्थापित कर दिया जाएगा। यह स्थापना मंदिर को वास्तु और धार्मिक रूप से और भी भव्य बनाएगी।