5 से 9 साल के बच्चों में बढ़ रहा ट्राइग्लिसराइड्स का खतरा, जानें एक्सपर्ट्स की राय और बचाव के तरीके

Edited By Updated: 27 Sep, 2025 04:20 PM

the risk of triglycerides is increasing in children aged 5 to 9 years

बदलती लाइफस्टाइल और खराब खानपान की आदतों के कारण अब छोटे बच्चों में भी हृदय रोग से जुड़ी गंभीर समस्याएं देखने को मिल रही हैं। हाल ही में सामने आई नेशनल न्यूट्रिशन सर्वे 2025 चिल्ड्रेन रिपोर्ट ने देश में ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ते स्तर को लेकर गहरी...

नेशनल डेस्क: बदलती लाइफस्टाइल और खराब खानपान की आदतों के कारण अब छोटे बच्चों में भी हृदय रोग से जुड़ी गंभीर समस्याएं देखने को मिल रही हैं। हाल ही में सामने आई नेशनल न्यूट्रिशन सर्वे 2025 चिल्ड्रेन रिपोर्ट ने देश में ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ते स्तर को लेकर गहरी चिंता जताई है। ट्राइग्लिसराइड्स खून में पाया जाने वाला एक प्रकार का फैट है, जिसका सामान्य से अधिक होना दिल और धमनियों के लिए खतरनाक हो सकता है।

छोटे बच्चों में सबसे गंभीर स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, 5 से 9 साल के बच्चों में यह समस्या चिंता के स्तर पर है।
➤ टॉप राज्य: इस उम्र वर्ग में पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 67% बच्चों में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया। इसके बाद सिक्किम (64.6%), असम (57%), और नागालैंड (55.5%) का स्थान है।
➤ सबसे कम मामले: वहीं, केरल में सबसे कम (16.6%) बच्चों में यह समस्या देखी गई।

दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजीत जैन ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि 10 साल से कम उम्र के बच्चों में ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर धमनियों की दीवारों पर प्लाक जमा होने की शुरुआत कर सकता है। इससे धमनियां संकरी हो सकती हैं, जो आगे चलकर दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है।

किशोरों (10-19 साल) का हाल
किशोरों के वर्ग में, यह समस्या तुलनात्मक रूप से कम है।
➤ राष्ट्रीय औसत: भारत में इस उम्र-समूह के सिर्फ 16% किशोरों में ही ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर अधिक पाया गया।
➤ उच्च स्तर: किशोरों में भी पश्चिम बंगाल (42.5%), सिक्किम (39.4%) और मणिपुर (38%) में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर सबसे अधिक था।
➤ LDL कोलेस्ट्रॉल: उच्च LDL कोलेस्ट्रॉल वाले बच्चों की संख्या गोवा और केरल में सर्वाधिक पाई गई।

बच्चों में क्यों बढ़ रही है यह समस्या?
विशेषज्ञों ने ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ने के पीछे बच्चों की खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान को मुख्य कारण बताया है:
➤ खराब खानपान: मीठे ड्रिंक्स, पैकेज्ड फूड और फ्राइड खाने की लत।
➤ कम शारीरिक एक्टिविटी: फिजिकल खेलों से दूरी और खेल के समय मोबाइल चलाने की लत।

एक्सपर्ट्स की सलाह: ऐसे करें बचाव
डॉ. जैन के अनुसार, माता-पिता को बचपन से ही बच्चों में हेल्दी खाने की आदतें डालनी होंगी। ट्राइग्लिसराइड्स जैसी समस्या से बचने के लिए ये उपाय जरूरी हैं:
➤ स्वस्थ आहार: ताजे फल, सब्जियां और सूखे मेवों को डाइट का हिस्सा बनाएं।
➤ नियमित फिजिकल एक्टिविटी: बच्चों को मोबाइल से दूर रखकर नियमित खेलकूद को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं।

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