Edited By Rahul Singh,Updated: 28 Sep, 2023 05:44 PM
राजस्थान के झालावाड़ जिले के अकलेरा कस्बे में 372 घर चोरी हो गए। मामला हाउसिंग बोर्ड की घरौंदा अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम का है। इसमें जयपुर के तारिक अहमद ने 20211 घर खरीदा। वे इस साल जनवरी में इसे देखने गए तब सब ठीक था। लेकिन पिछले हफ्ते गए तो पूरी...
नेशनल डैस्क : राजस्थान के झालावाड़ जिले के अकलेरा कस्बे में 372 घर चोरी हो गए। मामला हाउसिंग बोर्ड की घरौंदा अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम का है। इसमें जयपुर के तारिक अहमद ने 20211 घर खरीदा। वे इस साल जनवरी में इसे देखने गए तब सब ठीक था। लेकिन पिछले हफ्ते गए तो पूरी कॉलोनी गायब मिली। चारों तरफ मलबा ही मलबा था यानी 8 महीने में कॉलोनी के 372 घर और 2 पार्क चोरी हो गए।
घर किसने चुराए, इसके बारे में न तो मालिकों को कुछ पता है और ना ही हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को इसकी खबर है। कॉलोनी गायब होने की भनक स्थानीय पुलिस को भी नहीं लगी। अकलेरा एसएचओ लक्ष्मी चंद बैरवा ने बताया कि इसकी कोई जानकारी न तो हमारे पास है और ना ही किसी ने शिकायत दी है
मकान खरीदा... अब प्लॉट भी लापता
जिन खरीदारों को कॉलोनी गायब होने की जानकारी मिल रही है, वे बोर्ड दफ्तर के चक्कर लग रहे हैं। कुछ ने शिकायत भी दी है। इसमें लिखा है- हाउसिंग बोर्ड की साख देखकर मकान खरीदे थे, लेकिन अब तो प्लॉट का भी पता नहीं चल रहा है। कई घरों की तो नींव तक गुम हो गई है। खरीदारों की मांग हैं कि हाउसिंग बोर्ड कम से कम जमीन की मार्किंग करा दे, ताकि पता चले कि किसका प्लॉट कहां है।
बोर्ड ने कहा- हम जिम्मेदार नहीं
कोटा सर्किल के रेजिडेंट इंजीनियर आरएम कुरैशी के अनुसार इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि पजेशन के बाद मकान की सुरक्षा की जिम्मेदारी मालिक की है। अकलेरा में सभी घरों का पजेशन दिया जा चुका है।
जानकारी के मुताबिक ये घरौंदे थे-
- 2012-13 में कॉलोनी बनी। कस्बे से दूर होने से 80% मकान नहीं बिके।
- 2019 में हाउसिंग बोर्ड ने 50% छूट दी तो सभी बिक गए।
-जनवरी 23 तक पूरी कॉलोनी सुरक्षित थी।
अब मलबा है पूरी कॉलोनी
जमींदोज हो चुकी है। मलबा इस तरह फैला है कि भी पता नहीं चल रहा कि किसका प्लॉट कौन सा है। बिजली के खंभे देखकर लगता है कि कोई नई कॉलोनी डवलप हो रही है।