5 August को मोदी सरकार के वो बड़े फैसले जो बन गए इतिहास, पढ़ें यहां

Edited By Yaspal,Updated: 05 Aug, 2024 08:13 PM

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केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन करने के लिए संसद में एक बिल लेकर आने वाली है। इसके बाद एक बार फिर लोगों के जहन मे पांच अगस्त (5 August) की तारीख घूमने लगी है

नई दिल्लीः केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन करने के लिए संसद में एक बिल लेकर आने वाली है। इसके बाद एक बार फिर लोगों के जहन मे पांच अगस्त (5 August) की तारीख घूमने लगी है। दरअसल, केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनने वाली बीजेपी सरकार ने पांच अगस्त के दिन कई बड़े फैसले लिए हैं। इसके बाद हर वर्ष 5 अगस्त की चर्चा जोरों-शोरों से चलती है। पांच अगस्त की तारीख में सरकार द्वारा किए गए ऐतिहासिक काम...

आपको बता दें कि वर्ष 2019 में लोकसभा के चुनाव हुए। इस चुनाव में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का मुद्दा जम्मू-कश्मीर राज्य के गठन के बाद से ही चला आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसको शुरू से ही अपने घोषणापत्र का मुद्दा बनाकर रखा था। भारतीय जनता पार्टी का 1980 में गठन हुआ। 90 के दशक में जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर हुए हमलों के बाद बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का ऐलान किया। बीजेपी ने नारा दिया एक ‘देश में दो विधान, दो निशान नहीं चलेंगे। बीजेपी की एक और लाइन थी। जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है। साल दर साल निकलते चले गए। लेकिन अनुच्छेद 370 का मुद्दा जस का तस बना हुआ था।

2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बावजूद अनुच्छेद 370 को नहीं हटा पाई। इसके बाद लोगों के मन में सवाल उठने लगा कि यह सिर्फ राजनीतिक नारा है। लेकिन फरवरी 2019 में पाकिस्तान ने पुलवामा में आतंकी हमला कर दिया। इस हमले में भारतीय सेना के 44 जवान शहीद हो गए। भारत ने भी एयर स्ट्राइक कर इसका मुंहतोड़ जवाब दिया और बालाकोट में कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इसके बाद देश में नरेंद्र मोदी के लिए लोगों के मन में विश्वास और दृढ़ हो गया। 2019 में अप्रैल-मई में लोकसभा के चुनाव हुए। लोगों ने बीजेपी ने 303 सीटें और एनडीए के खाते में 351 सीटें आईं। नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को गृह मंत्री बनाया गया।

इसके बाद कुछ महीनों बाद अमरनाथ की यात्रा शुरू हुई। लेकिन बीच में ही अमरनाथ की यात्रा को यह कहकर रोक लगा दी कि यहां आतंकी हमला होने की संभावना है। अमरनाथ यात्रा पर गए सभी भारतीयों को तुरंत जम्मू-कश्मीर छोड़ने की एडवाइजरी जारी की गई। इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर में आए पर्यटकों को भी घाटी छोड़ने को कहा गया। बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों और सेना की तैनाती की गई। लेकिन अभी तक कोई ये नहीं समझ पा रहा था कि यह सब हो क्यों रहा है।

5 अगस्त 2019 अनुच्छेद 370 खत्म
5 अगस्त 2019 की सुबह को जम्मू-कश्मीर में बड़ा बदलाव आने वाला था। गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में एक बिल लेकर आए। उन्होंने राज्यसभा में बिल को टेबल किया। जिसमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाने का प्रावधान था। इसके अलावा एक और बिल लाया गया, जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का प्रावधान था। दोनों बिल राज्यसभा से पास हुए। इसके बाद दोनों बिलों लोकसभा में रखा गया। लोकसभा में बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत होने के साथ ही बिल आसानी से पास हो गए और अनुच्छेद 370 और 35ए इतिहास बन गए।

5 अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण की नींव रखी गई
इसके बाद वर्ष 2020 में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की नींव रखी गई। तारीख 5 अगस्त ही थी। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर की नींव रखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया। आपको बता दें कि नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने 3:2 के बहुमत से अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। आज के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाली संवैधानिक पीठ का हिस्सा थे। तत्कालीन CJI रंजन गोगोई की पीठ ने यह फैसला दिया था। करीब 500 वर्षों से चली आ रहे एक और विवाद का निपटारा हो गया।

अब एक बार फिर सरकार वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन करने के लिए संसद में एक विधेयक लाने वाली है ताकि इनके कामकाज में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके तथा इन निकायों में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी हो सके। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

माना जा रहा कि सरकार पांच अगस्त यानी सोमवार को इसे संसद में पेश कर सकती है। गृह मंत्री अमित शाह बिल को संसद में रख सकते हैं। इससे पहले बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। सूत्रों ने रविवार को बताया मौजूदा कानून में 40 से अधिक बदलावों वाला संशोधन विधेयक मौजूदा संसद सत्र में लाया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि सरकार की योजना विधेयक को संसद में पेश किए जाने के बाद लंबित छोड़ने की नहीं है। 

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