Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Jun, 2020 04:00 PM
आज world bicycle day है और साइकिल लोगों की जिदंगी का अहम हिस्सा रही है यह कहा जाए तो गलत न होगा क्योंकि न जाने इसके जरिए लोग कितनी दूरी तय कर ले। साइकिल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह प्रदूषण नहीं फैलाती और शरीर को चुस्त रखती है। संयुक्त राष्ट्र...
नेशनल डेस्क: आज world bicycle day है और साइकिल लोगों की जिदंगी का अहम हिस्सा रही है यह कहा जाए तो गलत न होगा क्योंकि न जाने इसके जरिए लोग कितनी दूरी तय कर ले। साइकिल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह प्रदूषण नहीं फैलाती और शरीर को चुस्त रखती है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहला आधिकारिक विश्व साइकिल दिवस 3 जून, 2018 को मनाया गया था। भारत में साइकिल कब आई इस पर सही से कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन क्या साइकिल का आविष्कार भारत में हुआ था और वह भी आज से 2000 साल पहले। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बुधवार को एक ट्वीट करते हुए इस बात का संकेत दिया है कि दुनिया भले ही साइकिल की अविष्कार की 200वीं जयंती मना रही है लेकिन दो हज़ार साल पूर्व इसका आविष्कार भारत में होने का सबूत मिलता है।
पटेल ने दक्षिण भारत के एक मंदिर था एक मंदिर का दीवार चित्र भी अपने ट्वीट के साथ उन्हें टैग किया है जिसमें दिखाया गया है कि एक आदमी साइकिल चला रहा है। पटेल ने अपनी ट्वीट को प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य लोगों को भी रिट्वीट किया है। उन्होंने अपनी ट्वीट में कहा कि आज दुनिया ‘बाइसिकल डे’ मना रही है, जहां साइकिल का अविष्कार 200 वर्ष पुराना माना जाता है जबकि तमिलनाडु के 2000 साल प्राचीन पंचवर्णस्वामी मंदिर की दीवार पर साइकिल की सवारी करते मूर्ति बनी है। अविष्कार कहां हुआ होगा?
साइकिल नाम
1817 में बाकायदा साइकिल का अविष्कार हुआ। इस पहले हथघोड़ा भी कहा जाता था। साल 1860 पहली बार अंग्रेजी में बाइसिकिल शब्द का प्रयोग हुआ था और तब से इसे इसी नाम से जाना जाता है।