Edited By Mansa Devi,Updated: 27 Dec, 2025 05:05 PM

भारत में डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में UPI ने क्रांति ला दी है। मोबाइल से पैसे ट्रांसफर करना न सिर्फ आसान है, बल्कि पूरी तरह मुफ्त भी है। फिर सवाल उठता है कि Google Pay और PhonePe जैसी कंपनियां बिना कोई प्रोडक्ट बेचे इतनी बड़ी कमाई कैसे करती हैं।
नेशनल डेस्क: भारत में डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में UPI ने क्रांति ला दी है। मोबाइल से पैसे ट्रांसफर करना न सिर्फ आसान है, बल्कि पूरी तरह मुफ्त भी है। फिर सवाल उठता है कि Google Pay और PhonePe जैसी कंपनियां बिना कोई प्रोडक्ट बेचे इतनी बड़ी कमाई कैसे करती हैं। इसका राज इनके स्मार्ट और मल्टी-लेयर बिजनेस मॉडल में छिपा है।
UPI को बनाया एक पूरा इकोसिस्टम
स्टार्टअप निवेश फर्म iSEVC की फाउंडिंग पार्टनर मृणाल झवेरी के मुताबिक, Google Pay और PhonePe ने UPI को सिर्फ एक पेमेंट टूल नहीं बल्कि एक पूरा इकोसिस्टम बना दिया है। इनकी कमाई का प्रमुख हिस्सा छोटे दुकानदारों और किराना स्टोर्स से आता है। PhonePe ने दुकानों में वॉयस-ऑपरेटेड स्पीकर्स लगाए हैं। जब ग्राहक पेमेंट करता है, तो स्पीकर से आवाज आती है, “PhonePe पर 60 रुपये प्राप्त हुए।” इस स्पीकर को दुकानदारों को करीब 100 रुपये महीने के किराए पर दिया जाता है। देशभर में 30 लाख से अधिक दुकानों में यह सेवा उपलब्ध है, जिससे सालाना सैकड़ों करोड़ रुपये की कमाई हो रही है।
स्क्रैच कार्ड और कैशबैक से कमाई
दूसरी कमाई का जरिया है स्क्रैच कार्ड और कैशबैक सिस्टम। यूजर्स को मिलने वाले छोटे-छोटे रिवॉर्ड्स ब्रांड्स के लिए विज्ञापन का माध्यम बन जाते हैं। यानी यूजर को कैशबैक मिलता है, ब्रांड को प्रमोशन और Google Pay तथा PhonePe को विज्ञापन से कमाई होती है।
सॉफ्टवेयर और फाइनेंशियल सर्विसेज
इन कंपनियों ने UPI भरोसे को फाइनेंशियल सर्विसेज और सॉफ्टवेयर टूल्स में भी बदल दिया है। छोटे कारोबारियों के लिए इनवॉइस मेकर, GST से जुड़ी सेवाएं, अकाउंटिंग टूल्स और माइक्रो लोन जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। इससे SaaS मॉडल और लोन कमीशन के जरिए बड़ा रेवेन्यू आता है।
कस्टमर एक्विजिशन लागत लगभग शून्य
विशेष बात यह है कि इन प्लेटफॉर्म्स की कस्टमर एक्विजिशन कॉस्ट लगभग शून्य है, क्योंकि UPI पहले से ही करोड़ों लोगों तक पहुंच चुका है। इस तरह, मुफ्त पेमेंट के पीछे इन कंपनियों का व्यवसाय मॉडल बहुआयामी और रणनीतिक है, जो यूजर्स, दुकानदार और ब्रांड्स तीनों को जोड़ते हुए लाखों करोड़ रुपये की कमाई करता है।