India-US Trade Deal: ट्रंप ने भारत को दिया तगड़ा झटका, वार्ता बीच में ही रुकी

Edited By Updated: 17 Aug, 2025 11:13 AM

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भारत और अमेरिका के बीच एक अहम व्यापार समझौता (Trade Deal) लंबे समय से चर्चा में है। इस समझौते का छठा दौर 25 से 29 अगस्त के बीच नई दिल्ली में होना था। लेकिन ट्रंप प्रशासन ने अचानक इसे टाल दिया है। एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक यह बैठक अब किसी और...

इंटरनेशनल डेस्क: भारत और अमेरिका के बीच एक अहम व्यापार समझौता (Trade Deal) लंबे समय से चर्चा में है। इस समझौते का छठा दौर 25 से 29 अगस्त के बीच नई दिल्ली में होना था। लेकिन ट्रंप प्रशासन ने अचानक इसे टाल दिया है। एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक यह बैठक अब किसी और तारीख पर आयोजित की जाएगी जिसकी घोषणा जल्द की जाएगी। बता दें अमेरिका ने 27 अगस्त 2025 से भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह टैरिफ रूस से तेल खरीदने के जवाब में लगाया गया है। पहले से लागू टैरिफ जोड़कर अब भारत पर कुल 50% आयात शुल्क लगने वाला है। अमेरिका का यह कदम भारत के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

ट्रंप का रुख सख्त क्यों है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि जब तक भारत टैरिफ के मुद्दे को हल नहीं करता तब तक व्यापार समझौते पर बातचीत नहीं की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या आप उम्मीद करते हैं कि भारत के साथ व्यापार वार्ताएं तेज होंगी, तो उन्होंने साफ कहा कि "नहीं, जब तक मसला हल नहीं होता तब तक नहीं।" अमेरिका चाहता है कि भारत अपने कृषि और डेयरी बाजार को अमेरिकी कंपनियों के लिए खोले। अमेरिकी डेयरी और कृषि उत्पादों की भारत में एंट्री से अमेरिका को बड़ा फायदा होगा लेकिन इससे भारतीय किसानों की आमदनी पर असर पड़ सकता है। यही वजह है कि भारत इस मांग को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है।

भारत का जवाब: किसानों के हित से समझौता नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा है कि भारत अपने किसानों के हक में कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अगर किसानों के हित की रक्षा के लिए मुझे कोई कीमत चुकानी पड़ी, तो मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार हूं। उन्होंने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों को देश की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।

भारत-अमेरिका व्यापार पर क्या कहते हैं आंकड़े?

वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच भारत ने अमेरिका को 33.53 अरब डॉलर का निर्यात किया, जो पिछले साल की तुलना में 21.64% ज्यादा है। वहीं अमेरिका से भारत का आयात 12.33% बढ़कर 17.41 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच इस समय कुल व्यापार लगभग 191 अरब डॉलर का है और साल 2030 तक इसे 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

क्या हो सकते हैं इस फैसले के असर?

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता की देरी और बढ़ते टैरिफ का असर सीधे भारत के प्रमुख निर्यात उत्पादों पर पड़ सकता है। टैरिफ बढ़ने से ये उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे, जिससे उनकी मांग और बिक्री दोनों प्रभावित हो सकती है। इससे भारत के व्यापार संतुलन पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है। व्यापार वार्ता का छठा दौर टलने से दोनों देशों द्वारा तय किया गया साल 2030 तक 500 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य भी मुश्किल में पड़ सकता है। हालांकि अमेरिका के लगातार दबाव के बावजूद भारत अपनी कृषि नीति को किसानों के हित में बनाए रखने के रुख पर कायम है।

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