ट्रंप ने भारत की पीठ पर फिर घोंपा छुरा! पाकिस्तान और चीन से कर दी तुलना; इस लिस्ट में डाल दिया नाम

Edited By Updated: 18 Sep, 2025 01:50 AM

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, अफगानिस्तान, भारत और पाकिस्तान को उन 23 प्रमुख देशों में शामिल बताया है, जहां मादक पदार्थों का अवैध रूप से उत्पादन और तस्करी की जाती है। ट्रंप ने कहा कि अवैध नशीली दवाओं और इनके निर्माण में इस्तेमाल...

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, अफगानिस्तान, भारत और पाकिस्तान को उन 23 प्रमुख देशों में शामिल बताया है, जहां मादक पदार्थों का अवैध रूप से उत्पादन और तस्करी की जाती है। ट्रंप ने कहा कि अवैध नशीली दवाओं और इनके निर्माण में इस्तेमाल रसायनों के उत्पादन ए‍वं तस्करी के जरिये ये देश अमेरिका और उसके नागरिकों की सुरक्षा के समक्ष खतरा पैदा कर रहे हैं।

कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में सोमवार को पेश ‘प्रेसिडेंशियल डिटरमिनेशन' में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने 23 देशों की पहचान “मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल प्रमुख देशों के रूप में” की है। उन्होंने कहा कि इन देशों में अफगानिस्तान, बहामास, बेलीज, बोलीविया, म्यांमा, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, डोमिनिकन गणराज्य, इक्वाडोर, अल साल्वाडोर, ग्वाटेमाला, हैती, होंडुरास, भारत, जमैका, लाओस, मैक्सिको, निकारागुआ, पाकिस्तान, पनामा, पेरू और वेनेजुएला शामिल हैं।

‘प्रेसिडेंशियल डिटरमिनेशन' व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक तरह का दिशा-निर्देश है, जो अमेरिका की संघीय सरकार की कार्यपालिका शाखा की आधिकारिक नीति या रुख के तहत निर्धारित निर्णयों को रेखांकित करता है। व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप ने संसद को “उन प्रमुख देशों की सूची” सौंपी, जो अमेरिका में अवैध मादक पदार्थों की आपूर्ति और तस्करी के लिए जिम्मेदार हैं। विदेश विभाग ने कहा कि ‘प्रेसिडेंशियल डिटरमिनेशन' में जिन 23 देशों का जिक्र किया गया है, उनमें से पांच (अफगानिस्तान, बोलीविया, म्यांमा, कोलंबिया और वेनेजुएला) को “पर्याप्त प्रयास करने में स्पष्ट रूप से विफल देश” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, तथा उनसे मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई में सुधार का आह्वान किया गया है।

विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अवैध नशीली दवाओं और इनके निर्माण में इस्तेमाल रसायनों के उत्पादन और तस्करी के जरिये ये देश अमेरिका और उसके नागरिकों की सुरक्षा के समक्ष खतरा पैदा कर रहे हैं। विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि सूची में किसी देश की मौजूदगी आवश्यक रूप से उस देश की सरकार के मादक पदार्थ विरोधी प्रयासों या अमेरिका के साथ सहयोग के स्तर को प्रतिबिंबित नहीं करती है। उसने कहा कि यह सूची “भौगोलिक, वाणिज्यिक और आर्थिक कारकों के संयोजन पर आधारित है, जो नशीले पदार्थों या इनके निर्माण में इस्तेमाल रसायनों के उत्पादन या तस्करी की अनुमति देते हैं, भले ही संबंधित सरकारों ने मादक पदार्थों के उत्पादन एवं तस्करी से निपटने के लिए कड़े एवं प्रभावी कानून प्रवर्तन उपाय किए हों।”

‘प्रेसिडेंशियल डिटरमिनेशन' में ट्रंप ने चीन को लेकर कहा कि फेंटेनाइल के अवैध उत्पादन को बढ़ावा देने वाले रसायनों के “दुनिया के सबसे बड़े स्रोत” के रूप में चीन की भूमिका स्पष्ट रूप से जाहिर है। उन्होंने कहा कि चीन नाइटाजेन और मेथामफेटामाइन सहित अन्य नशीले पदार्थों की वैश्विक महामारी को बढ़ावा देने वाले प्रमुख आपूर्तिकर्ता देशों में भी शामिल है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीनी नेतृत्व “इन रासायनों की आपूर्ति को कम करने तथा इनकी उपलब्धता को सुगम बनाने वाले अपराधियों पर मुकदमा चलाने के लिए मजबूत और निरंतर कार्रवाई कर सकता है और उसे ऐसा करना भी चाहिए।”

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