Edited By Utsav Singh,Updated: 12 Jul, 2024 06:43 PM

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाती मालीवाल से मारपीट करने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को शुक्रवार को जमानत देने से मना कर दिया।
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल से मारपीट करने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को शुक्रवार को जमानत देने से मना कर दिया। न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कुमार की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि वह ‘काफी प्रभावी' व्यक्ति हैं और उन्हें राहत देने के लिए कोई उचित आधार नहीं बनता।

न्यायाधीश ने कहा कि इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने से वह गवाहों को प्रभावित कर सकता या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है। अदालत ने कहा कि आरोपों की प्रकृति और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका को देखते हुए इस स्तर पर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने का कोई आधार नहीं बनता। न्यायाधीश ने फैसला दिया, ‘‘ तदानुसार अर्जी खारिज की जाती है।''

कुमार इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। उन पर 13 मई को केजरीवाल के आधिकारिक आवास में मालीवाल से मारपीट करने का आरोप है। उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। कुमार के खिलाफ 16 मई को आपराधिक धमकी देने, हमला करने या महिला का वस्त्र हरण करने की मंशा से आपराधिक बल का प्रयोग, गैर इरादतन हत्या की कोशिश सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

कुमार ने जमानत देने का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि उनके खिलाफ झूठे आरोप है और मामले की जांच पूरी हो गई है, इसलिए उन्हें अब हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है। दिल्ली पुलिस ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें रिहा करने पर जांच प्रभावित हो सकती है। उसने अदालत को बताया कि जांच चल रही है और 16 जुलाई या इससे पहले आरोप पत्र दाखिल कर दिया जाएगा।