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KYC के बिना रुक सकती हैं आपकी जरूरी सेवाएं, जानें पूरी जानकारी

Edited By Mansa Devi,Updated: 31 May, 2025 01:51 PM

what is kyc and why has it become

जकल चाहे बैंक में खाता खोलना हो, मोबाइल सिम खरीदना हो या कोई डिजिटल वॉलेट इस्तेमाल करना हो – हर जगह एक शब्द बार-बार सामने आता है: KYC. पर क्या आप जानते हैं कि KYC आखिर होता क्या है और यह क्यों अनिवार्य बन चुका है? आइए, इसे सरल भाषा में समझते हैं।...

नेशनल डेस्क: आजकल चाहे बैंक में खाता खोलना हो, मोबाइल सिम खरीदना हो या कोई डिजिटल वॉलेट इस्तेमाल करना हो – हर जगह एक शब्द बार-बार सामने आता है: KYC. पर क्या आप जानते हैं कि KYC आखिर होता क्या है और यह क्यों अनिवार्य बन चुका है? आइए, इसे सरल भाषा में समझते हैं। KYC आज के समय में केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि आपकी पहचान, सुरक्षा और सुविधा का आधार बन चुकी है। चाहे आप बैंकिंग कर रहे हों, डिजिटल ट्रांजैक्शन कर रहे हों या सिम कार्ड खरीद रहे हों – KYC सुनिश्चित करता है कि प्रणाली पारदर्शी और सुरक्षित बनी रहे।

KYC का मतलब क्या है?
KYC का पूरा नाम है "Know Your Customer", जिसका हिंदी में अर्थ है "अपने ग्राहक को पहचानना"। यह एक प्रक्रिया है जिसके ज़रिए बैंक, कंपनियाँ और अन्य संस्थाएँ यह सुनिश्चित करती हैं कि जिस व्यक्ति को वे सेवा दे रही हैं, वह असली है और उसकी पहचान और पते की जानकारी वैध है। KYC का उद्देश्य धोखाधड़ी, पहचान की चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को रोकना होता है। यह न सिर्फ ग्राहकों की सुरक्षा के लिए जरूरी है बल्कि पूरी फाइनेंशियल व्यवस्था की पारदर्शिता और स्थिरता बनाए रखने के लिए भी अनिवार्य है।

KYC के लिए जरूरी दस्तावेज़
KYC प्रक्रिया में ग्राहक को पहचान और पते से जुड़े दस्तावेज जमा करने होते हैं। सामान्यतः निम्नलिखित दस्तावेज KYC के लिए मान्य होते हैं:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • वोटर ID
  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस

    बैंकिंग सेक्टर में KYC की भूमिका
    बैंकों में KYC सबसे पहली और जरूरी प्रक्रिया होती है। खाता खोलने से लेकर ऋण लेने तक, हर जगह ग्राहक की सही पहचान सुनिश्चित करना बैंक की ज़िम्मेदारी है।
    KYC से:
  • मनी लॉन्ड्रिंग रोकी जाती है
  • फ्रॉड के मामलों में गिरावट आती है
  • खातों की सुरक्षा बनी रहती है
  • ग्राहकों को फुल बैंकिंग सुविधा मिलती है

यदि कोई ग्राहक KYC नहीं करता है, तो उसके खाते पर लेन-देन की सीमाएँ लागू हो सकती हैं या खाता अस्थायी रूप से बंद भी किया जा सकता है।

सिम कार्ड के लिए KYC क्यों जरूरी है?
जब आप नया मोबाइल सिम खरीदते हैं, तो KYC अनिवार्य होती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि सिम कार्ड फर्जी नाम या पहचान पर न जारी हो।
सिम के लिए अब ज्यादातर कंपनियाँ आधार आधारित eKYC का इस्तेमाल करती हैं, जिसमें:

  • मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाता है
  • आपका बायोमेट्रिक या आधार डिटेल से वेरिफिकेशन किया जाता है
  • इस प्रक्रिया से स्पैम कॉल्स, टेलीफ्रॉड और अनाधिकृत सिम एक्टिवेशन जैसी समस्याएँ कम होती हैं।

    डिजिटल वॉलेट्स और ऐप्स में KYC क्यों जरूरी है?
    आज के डिजिटल युग में आप जब Paytm, PhonePe, Google Pay, या किसी भी UPI/वॉलेट ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो एक सीमित राशि तक ही बिना KYC के लेन-देन कर सकते हैं। लेकिन यदि आप:

     
  • बड़ी राशि ट्रांसफर करना चाहते हैं
  • बैंक से लिंक करना चाहते हैं
  • फुल KYC वॉलेट चाहते हैं

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