Edited By Sarita Thapa,Updated: 15 Jun, 2025 06:02 AM

Som Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत खास माना जाता है। जब यह व्रत सोमवार के दिन पड़े, तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है।
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Som Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत खास माना जाता है। जब यह व्रत सोमवार के दिन पड़े, तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन शिव जी की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन देवों के देव महादेव की पूरे विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और विशेष रूप से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान होता है। साथ ही शिव कृपा से जीवन की अनेक बाधाएं दूर हो जाती है। तो आइए जानते हैं आषाढ़ माह के सोम प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में-

Som Pradosh Vrat Shubh Muhurat सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 23 जून को देर रात 1 बजकर 21 मिनट पर होगी और इसका समापन 23 जून को रात 10 बजकर 9 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, प्रदोष व्रत 23 जून को मनाया जाएगा।

Importance of Som Pradosh Vrat सोम प्रदोष व्रत महत्व
सोम प्रदोष व्रत, भगवान शिव की उपासना का एक अत्यंत पावन और फलदायक दिन माना जाता है। सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति, सुखी वैवाहिक जीवन, शारीरिक और मानसिक शांति के लिए किया जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि जो भी इस दिन सच्चे मन से शिव जी की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
